सीबीआई ने रेलवे के तत्काल आरक्षण तंत्र को ध्वस्त करते हुए एक ही बार में सैकड़ों टिकटों का आरक्षण करने वाले एक अवैध साफ्टवेयर का निर्माण करने के आरोप में अपने सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर को बुधवार को गिरफ्तार किया। आरोपी सीबीआई में आने से पहले आईआरसीटीसी के साथ काम करता था। आरोप है कि सीबीआई में काम करने वाले सख्श ने रेलवे टिकट बुक करने के लिए एक अवैध सॉफ्टवेयर बनाया था।
इस आरोपी के पहचान अजय गर्ग नाम से की गई है, जय गर्ग सीबीआई में असिस्टेंट प्रोग्रामर के पद पर तैनात था। गर्ग को उसके साथी समेत सीबीआई ने ही गिरफ्तार किया है। आरोप है कि अजय गर्ग ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर डेवलप किया था, जो सीधा आईआरसीटीसी के तत्काल टिकट बुकिंग सिस्टम में सेंध लगाता था। अजय के इस सॉफ्टवेयर का नाम नियो है, सॉफ्टवेयर के जरिए एक बार में करीब 1000 तत्काल टिकट बुक हो सकती हैं। गर्ग अनिल कुमार गुप्ता नाम के एजेंट के साथ मिलकर इतना बड़ा रैकेट चला रहा था।
इस अवैध सॉफ्टवेयर से नुकसान आम लोगों को हो रहा था, क्योंकि सॉफ्टवेयर के सहारे एजेंट टिकट बुक कर लेते थे और आम लोग आईआरसीटीसी वेबसाइट स्लो होने की बात करते थे। इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली, मुंबई और जौनपुर समेत 14 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई की। इस सीबीआई टीम ने 89.42 लाख की नकदी, 61.29 लाख के गहने, 2 सोने की ईंटे और 15 लैपटॉप जब्त किए हैं।
एक साल से चल रहा था घोटाला
आरोपी अजय गर्ग ने करीब चार साल 2007 से 2011 तक आईआरसीटीसी में काम किया है। वह इस पूरी व्यवस्था को करीब से जानता है। वह एजेंटों से मिलकर अपना सॉफ्टवेयर को बेचता था। इसके बदले उसने भारी रकम लेता था। एजेंट उसे हवाला, बिट क्वाइन के जरिए पैसे दिया करते थे।सीबीआई के मुताबिक पिछले एक साल से ये सॉफ्टवेयर काम कर रहा था।
सीबीआई ने गर्ग को भेजा रिमांड पर
आरोपी अजय गर्ग को दिल्ली के साकेत कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। जबकि आरोपी अनिल कुमार गुप्ता को सीबीआई ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश के जौनपुर से दिल्ली लेकर आ रही है। आरोपी अनिल को सीबीआई गुरुवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में पेश करेगी।