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इन सात संवेदनशील मामलों की जांच कर रहे थे CBI चीफ आलोक वर्मा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ी राहत

By आदित्य द्विवेदी | Updated: October 26, 2018 11:46 IST

छुट्टी पर भेजे जाने से पहले कौन-से मामलों की जांच से जुड़े थे सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और अब उन मामलों का क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मिली बड़ी राहत...

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राफेल विमान सौदे में अनियमितता की शिकायत से लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया घूसकांड तक, कोयला खदान आवंटन में घोटाले से लेकर स्टर्लिंग बॉयोटेक केस तक जिसमें राकेश अस्थाना का नाम भी सामने आया था। ये कुछ ऐसे संवेदनशील मामले हैं जिनकी जांच की फाइल सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के पास थी जब उन्हें बुधवार देर रात छुट्टी पर भेजा दिया गया। इनमें एक ऐसा भी मामला है जिसमें प्रधानमंत्री के सचिव भी आरोपी हैं।

छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में वर्मा ने लिखा कि उनको छुट्टी पर भेजे जाने से कई संवेदनशील मामलों की जांच पर असर पड़ेगा। हालांकि उन्होंने अपनी याचिका में इन मामलों को गुप्त और अतिसंवेदनशील मानते हुए उन केस के नाम नहीं लिखे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा है कि सीवीसी को 2 हफ्ते के अंदर सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ जांच पूरी करनी होगी। कोर्ट ने कहा यह जांच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक की निगरानी में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकेंगे। सिर्फ रूटीन काम-काज करेंंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।

यह भी पढ़ेंः- देश को हिला देने वाले इन 10 बड़े मामलों की जाँच से जुड़े थे CBI अफसर राकेश अस्थाना, लगे हैं घूसखोरी के गंभीर आरोप

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को जब छुट्टी पर भेजा गया तो वो इन सात संवेदनशील मामलों की जांच से जुड़े हुए थे-

1. फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद में अनियमितता की शिकायत सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को मिली थी। एजेंसी इस शिकायत का वेरीफिकेशन कर रही थी। सूत्रों के मुताबिक जल्दी ही इसकी जांच शुरू किए जाने पर फैसला होना था। रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्मा को 4 अक्टूबर को 132 पन्नों की शिकायत मिली थी जिसे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सीबीआई चीफ से मिलकर दिया था।

2. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया रिश्वत मामले की जांच सीबीआई कर रही थी जसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दुसी का नाम भी सामने आया था। सूत्रों के मुताबिक कुद्दूसी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली गई थी और सिर्फ आलोक वर्मा के सिग्नेचर होने बाकी थे।

3. इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस एस एन शुक्ला जिन्हें मेडिकल एडमिशन के भ्रष्टाचार के आरोप में छुट्टी पर भेजा गया था। एजेंसी ने उन्हें जांच में शामिल किया है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट तैयार थी और वर्मा की सिग्नेचर का इंतजार था।

4. बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर सीबीआई एक और मामले की जांच कर रही थी। ये शिकायत वित्त और राजस्व सचिव हसमुख अधिया खिलाफ की गई थी। 

5. सीबीआई प्रधानमंत्री के सचिव आईएएस भास्कर कुलबे की कोल आवंटन में भूमिका की जांच कर रही है।

6. दिल्ली में एक बिचौलिए के घर पर छापा मारा गया और 3 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे। उस मामले में उसकी भूमिका की जांच चल रही है। सीबीआई को ये बताया गया था कि इस व्यक्ति ने पीएसयू में सीनियर पदों पर नियुक्ति के लिए नेता और अधिकारियों को रिश्वत दिया था।

7. नितिन संदेसरा और स्टर्लिंग बॉयोटेक मामले में सीबीआई जांच जारी है। इसमें सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की भूमिका की भी जांच की गई है।

कानून के मुताबिक सीबीआई निदेशक को उनकी नियुक्ति से लेकर दो साल तक नहीं हटाया जा सकता है। अगर किसी विशेष परिस्थिति में निदेशक को हटाना है तो उस चयन समिति की सहमति लेनी होती है जिसने सीबीआई निदेशक के नियुक्ति की सिफारिश की थी। इस चयन समिति में भारत के प्रधानमंत्री, संसद में विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके नुमाइंदे होते हैं।

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