जाति जनगणनाः सीएम नीतीश से मिले तेजस्वी यादव, कहा-मुख्यमंत्री राजी, भाजपा विधायक संजय सरावगी बोले-संभव नहीं
By एस पी सिन्हा | Updated: December 2, 2021 18:28 IST2021-12-02T18:26:58+5:302021-12-02T18:28:33+5:30
Caste census: बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति के अलावा अन्य जातियों की जनगणना करने से केंद्र के इनकार के बाद राज्य में जातिगत गिनती के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहमत हो गए हैं.

राजद, कांग्रेस, वाम दलों और एआईएमआईएम के विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की.
पटनाः जाति जनगणना को लेकर बिहार में एकबार फिर सियासत गर्मा गई है. बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की. तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के सामने हमने अपनी बात रखी है.
मुख्यमंत्री ने जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही है.तेजस्वी यादव ने कहा कि अगले कुछ दिनों में सर्वदलीय बैठक होगी. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना होना तय है. नीति आयोग की रिपोर्ट में 52 फीसदी लोग गरीब हैं. जातीय जनगणना से सबको बराबरी का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने पहले ही जातीय जनगणना के लिए मांग रखी थी.
विकास व बराबरी के मौके के लिए जातीय जनगणना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने खर्च पर जाति आधारित जनगणना करानी चाहिए. इस मसले पर वे पहले भी मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिल चुके हैं. तेजस्वी ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने इस बात का भरोसा दिया है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम लंबे अरसे से जातीय जनगणना की मांग करते रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने जब जातीय जनगणना को खारिज कर दिया है तो बिहार अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराई इसकी जरूरत है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हमने आज एक बार फिर इसी मसले को लेकर मुलाकात की थी.
तमाम विपक्षी दलों ने इस मामले पर एकजुटता दिखाई है. विपक्ष की एकजुटता का ही नतीजा है कि सरकार बिहार में जातीय जनगणना कराने को तैयार हो गई है. इससे पहले भाजपा विधायक संजय सरावगी ने जाति आधारित जनगणना पर बेहद सख्त अंदाज में कहा कि देश में लाखों की संख्या में जाति है और जाति जनगणना करवाना संभव नहीं है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा,‘‘ बिहार विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव के चलते इस मामले में देरी हो गयी. हम विधानसभा के चल रहे सत्र के दौरान इस मामले पर बयान की उम्मीद कर रहे थे जो नहीं आया. लेकिन अब उन्होंने कहा है कि बैठक तीन से चार दिन में होगी.’’
राजद नेता ने जाति की जनगणना से सामाजिक विभाजन और तेज होने की कुछ भाजपा नेताओं की आशंका पर कहा कि यह कमजोर वर्गों के लक्षित विकास की सुविधा प्रदान करेगा जिससे असमानता कम होगी और अधिक सामाजिक सद्भाव होगा.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमने जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता पर कभी संदेह नहीं किया. राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों ने इस मांग के समर्थन में दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है, हम उनसे इस प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध करने के लिए मिले थे.’’