फर्जी मामले में फंसाने पर पुलिसकर्मी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

By भाषा | Updated: March 24, 2021 16:38 IST2021-03-24T16:38:19+5:302021-03-24T16:38:19+5:30

Case registered against policeman and others for being implicated in fake case | फर्जी मामले में फंसाने पर पुलिसकर्मी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

फर्जी मामले में फंसाने पर पुलिसकर्मी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

ऐटा, 24 मार्च उत्तर प्रदेश के ऐटा जिले में एक ढाबे पर खाने के पैसे मांगने पर उसके मालिक समेत 10 लोगों को झूठे मामले में फंसाने के आरोप में एक हेड कांस्टेबल तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है ।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हेड कांस्टेबल शैलेंद्र तथा अन्य के खिलाफ प्रथामिकी दर्ज की गई है।

इन पर आरोप है कि ढाबा मालिक पुष्पेंद्र यादव ने जब उनसे खाने के पैसे मांगे तो उन्होंने उसे तथा अन्य को झूठे मामले में फंसा दिया।

पुष्पेंद्र के छोटे भाई प्रवीण की शिकायत पर अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध) राहुल कुमार द्वारा की गई जांच पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

प्रवीण ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया गया है कि निरीक्षक कोतवाली (देहात) इंद्रेश पाल सिंह और दो हेड कांस्टेबल शैलेन्द्र और संतोष कुमार ने 10 लोगों को झूठे मामले में फंसाया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कोतवाली (देहात) इलाके में हुई एक कथित मुठभेड़ मामले में अपर पुलिस अधीक्षक (अपराध) की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है और सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

एएसपी कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने स्थानीय शराब माफिया बंटू यादव की मदद ली, जिन्होंने कथित तौर पर पुलिस को अवैध शराब और 'गांजा' मुहैया कराया था।

जिलाधिकारी के आदेश के बाद घटना की जांच कर रहे राहुल कुमार ने बताया, “दो दिन पूर्व मुझे जिलाधिकारी के संदर्भ से इस मुठभेड़ तथा तस्करी की घटना की जांच करने को कहा गया। मामला काफी गंभीर है बहुत ही गहनता से जांच की जा रही है।”

कुमार ने बताया कि मंगलवार रात्रि प्राथमिकी में नामजद आरोपियों तथा इस घटना में पुलिस को शराब उपलब्ध कराने में मदद करने वाले शराब माफिया बंटू यादव सहित अन्य के ठिकानों पर पुलिस टीम ने दबिश दी, लेकिन अभी तक पुलिस के हत्थे कोई भी आरोपी नहीं लगा है।

कोतवाली (देहात) पुलिस ने पहले दावा किया था कि उन्होंने चार फरवरी की शाम को जसराम गांव में ढाबे पर छापा मारा था और एक मुठभेड़ के बाद ढाबे से 10 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके पास देसी पिस्तौल, शराब और गांजा बरामद किया था।

ढाबे से गिरफ्तार किए गए 10 लोगों में प्रवीण के बड़े भाई पुष्पेंद्र यादव (34), चचेरे भाई दीपक यादव (24) और आठ अन्य थे। उन पर हत्या के प्रयास, आबकारी अधिनियम की धाराओं, शस्त्र अधिनियम और एनडीपीएस कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।

शिकायत में प्रवीण ने आरोप लगाया कि चार फरवरी को उनके ढाबे पर कोतवाली (देहात) में तैनात पुलिसकर्मी शैलेंद्र यादव व संतोष यादव खाना खाने पहुंचे और वे नशे में धुत्त थे।

शिकायतकर्ता के मुताबिक, वहां उनके खाने का बिल 400 रुपये बना लेकिन वे खाने के पैसे नहीं दे रहे थे। इस पर वहां खाना खा रहे अन्य लोगों के कहने पर पुलिसकर्मी 100 रुपये देने लगे लेकिन पूरा पैसा मांगने पर अपशब्द कहने लगे।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इसके बाद दोनों में कहा सुनी हो गयी और उन्होंने कोतवाली फोन कर दिया जहां से दो गाड़ियों में पुलिसकर्मी और प्रभारी निरीक्षक वहां आ गए।

प्रवीण ने आरोप लगाया, “ पुलिस कर्मियों से पैसे मांगने पर हमारे भाई समेत होटल पर खाना खाने आये 10 लोगों को पुलिस जबरन पकड़ कर ले गई।

आगरा के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है और पुलिस कर्मियों पर गंभीर आरोप लगे हैं तथा मामले में शामिल पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने और कानूनी कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं।

इससे पूर्व एक अन्य मामले में जिलाधिकारी के छापे के दौरान थाना परिसर से पुलिस अभिरक्षा में रखी शराब की 1400 पेटियां गायब होने की रिपोर्ट भी इसी थाने में दर्ज है और इस मामले में आरोपी निरीक्षक समेत सभी पुलिस कर्मी आज तक फरार हैं।

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Web Title: Case registered against policeman and others for being implicated in fake case

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