Canada-India: 19 अक्टूबर को रात 11:59 बजे तक भारत छोड़ दो?, कनाडा के 6 राजनयिक निष्कासित, मोदी सरकार ने लिया एक्शन, वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 14, 2024 22:43 IST2024-10-14T22:35:34+5:302024-10-14T22:43:19+5:30
Canada-India: कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, प्रथम सचिव मैरी कैथरीन जोली, और प्रथम सचिव लैन रॉस डेविड ट्राइट्स शामिल हैं।

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Canada-India: भारतीय उच्चायुक्त और कुछ अन्य अधिकारियों को कनाडा से वापस बुलाने के कुछ घंटे बाद भारत ने सोमवार को कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने की घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा के राजनयिकों को 19 अक्टूबर को रात 11:59 बजे तक या उससे पहले भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। जिन राजनयिकों को निष्कासित किया गया है। उनमें कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, प्रथम सचिव मैरी कैथरीन जोली, और प्रथम सचिव लैन रॉस डेविड ट्राइट्स शामिल हैं। अन्य दो राजनयिक प्रथम सचिव एडम जेम्स चूइप्का और प्रथम सचिव पाउला ओरजुएला हैं। भारत ने सोमवार को कनाडा से अपने उच्चायुक्त और ‘‘निशाना बनाए जा रहे’’ अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की।
The Government of India has decided to expel the following 6 Canadian Diplomats: Stewart Ross Wheeler, Acting High Commissioner, Patrick Hebert, Deputy High Commissioner, Marie Catherine Joly, First Secretary, lan Ross David Trites, First Secretary, Adam James Chuipka, First… pic.twitter.com/bdaRf1i0H4
— ANI (@ANI) October 14, 2024
#WATCH | Ottawa, Ontario (Canada): Royal Canadian Mounted Police Commissioner, Mike Duheme says, "Investigations have revealed that Indian diplomats and consular officials based in Canada leverage their position to engage in clandestine activities such as collecting information… pic.twitter.com/8QtiBAndwl— ANI (@ANI) October 14, 2024
India expels six Canadian diplomats, asks them to leave by October 19
Read @ANI Story | https://t.co/tURJ35QCR9#India#Canada#StewartWheelerpic.twitter.com/1ZiJmiZeKM— ANI Digital (@ani_digital) October 14, 2024
सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच से राजनयिकों को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भारत ने यह कार्रवाई की है। विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रभारी राजदूत स्टीवर्ट व्हीलर्स को तलब करने के कुछ ही देर बाद फैसले की घोषणा की। व्हीलर्स को स्पष्ट रूप से संदेश दिया गया कि भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को निराधार तरीके से निशाना बनाना पूरी तरह अस्वीकार्य है। भारत ने भारतीय उच्चायुक्त वर्मा के खिलाफ आरोपों को ‘‘मनगढ़ंत’’ और ‘‘बेतुका’’ बताते हुए इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताया।
#WATCH | Ottawa, Ontario (Canada): Royal Canadian Mounted Police Commissioner, Mike Duheme says, "There is a violent, extremist threat in Canada that Canada and India have been working on over the years. However, these threats are impacting Canada and India's ability to… pic.twitter.com/89WV41caKp
— ANI (@ANI) October 14, 2024
जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को कल कनाडा से एक ‘‘राजनयिक संदेश मिला, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में एक मामले के सिलसिले में चल रही जांच की ‘निगरानी’ में हैं’’। विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कनाडा के प्रभारी राजदूत को तलब किया और उनसे कहा गया कि हिंसा और उग्रवाद के माहौल में ट्रूडो सरकार की कार्रवाइयों ने भारतीय राजनयिकों और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
#WATCH | Ottawa, Ontario (Canada): Royal Canadian Mounted Police Commissioner, Mike Duheme says, "...Over the past few years and more recently, law enforcement agencies in Canada have successfully investigated and charged a significant number of individuals for their direct… pic.twitter.com/5xtpM3DTwn
— ANI (@ANI) October 14, 2024
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उनकी सुरक्षा की मौजूदा कनाडा सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए, भारत सरकार ने उच्चायुक्त और निशाना बनाए जा रहे अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह भी सूचित किया गया है कि भारत के खिलाफ उग्रवाद, हिंसा और अलगाववाद को ट्रूडो सरकार के समर्थन के जवाब में भारत आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है।’’ ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने कनाडा के कुछ अधिकारियों का नाम जाहिर किए बिना उनके हवाले से खबर प्रकाशित की है कि कनाडा ने सोमवार को छह भारतीय राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है जिनमें वर्मा और टोरंटो में वाणिज्य दूतावास के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं।
समझा जाता है कि वर्मा और अन्य अधिकारी अगले कुछ दिन में कनाडा से लौट आएंगे। पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था।
#WATCH | Ottawa, Ontario (Canada): "It (India) is targeting South Asian community but they are specifically targeting pro-Khalistani elements in Canada...What we have seen is, from an RCMP perspective, they use organised crime elements. It has been publically attributed and… pic.twitter.com/KYKQVSx7Ju
— ANI (@ANI) October 14, 2024
निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। नयी दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए खारिज कर दिया। कनाडा के प्रभारी राजदूत व्हीलर्स ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार ने वही किया है जो भारत लंबे समय से कहता आ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा ने भारत सरकार के एजेंटों और कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक के हत्यारों के बीच संबंधों के प्रामाणिक और खारिज नहीं किए जा सकने वाले साक्ष्य प्रदान किए हैं। अब समय आ गया है कि भारत अपने वादे पर खरा उतरे और उन आरोपों की जांच करे।’’ व्हीलर्स ने कहा, ‘‘यह दोनों देशों के और हमारे देशों की जनता के हित में है कि इसकी तह में जाएं।
कनाडा इस मामले में भारत के साथ सहयोग को तैयार है।’’ इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था ‘‘भारतीय राजनयिकों के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाने के कनाडा की सरकार के इन नवीनतम प्रयासों के जवाब में’’ आगे कदम उठाने का भारत अधिकार रखता है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कुछ आरोप लगाए थे और कनाडा सरकार ने तब से हमारी ओर से कई अनुरोधों के बावजूद भारत सरकार के साथ सबूतों का एक अंश भी साझा नहीं किया है।’’
#WATCH | On India-Canada row, former Diplomat K P Fabian says, "India's decision is right...Till Justin Trudeau is there in power, the situation will not improve...In 2025 there will be an election in Canada in which Justin Trudeau will not win when the new government comes to… pic.twitter.com/hVXpnQc9jQ
— ANI (@ANI) October 14, 2024
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘दिसंबर 2020 में भारत की आंतरिक राजनीति में उनका स्पष्ट हस्तक्षेप दिखाता है कि वह इस संबंध में कहां तक जाना चाह रहे थे।’’ भारत का इशारा जाहिर तौर पर किसान आंदोलन के दौरान कनाडा के नेता के बयानों की ओर था। कनाडा के हालिया आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘इससे कोई संदेह नहीं रह जाता कि जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए यह भारत को बदनाम करने की जानबूझकर रची गई रणनीति है।’’ उसने कहा कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत के प्रति बैरपूर्ण स्वभाव लंबे समय से स्पष्ट है।
मंत्रालय ने कहा कि ट्रूडो ने 2018 में भारत की यात्रा की थी जिसका मकसद वोट बैंक को साधना था, लेकिन यह उन्हें असहज करने वाली साबित हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उनके मंत्रिमंडल में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं, जो भारत के संबंध में चरमपंथी और अलगाववादी एजेंडे से खुले तौर पर जुड़े हुए हैं।’’
उसने कहा, ‘‘उनकी सरकार एक ऐसे राजनीतिक दल पर निर्भर है, जिसके नेता भारत के प्रति खुलेआम अलगाववादी विचारधारा का समर्थन करते हैं, जिससे मामला और बिगड़ गया।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘कनाडाई राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप पर आंखें मूंद लेने के लिए आलोचनाओं के घेरे में आई उनकी सरकार ने नुकसान को कम करने के प्रयास में जानबूझकर भारत को इसमें शामिल किया है।’’
उसने कहा कि भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने वाला यह नवीनतम घटनाक्रम अब उसी दिशा में अगला कदम है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यह कोई संयोग नहीं है कि यह घटना ऐसे समय हुई है जब प्रधानमंत्री ट्रूडो को विदेशी हस्तक्षेप पर एक आयोग के समक्ष गवाही देनी है।’’
उसने कहा, ‘‘यह भारत विरोधी अलगाववादी एजेंडे को भी बढ़ावा देता है जिसे ट्रूडो सरकार ने संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लगातार बढ़ावा दिया है।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘इस उद्देश्य से ट्रूडो सरकार ने जानबूझकर हिंसक चरमपंथियों और आतंकवादियों को कनाडा में भारतीय राजनयिकों और सामुदायिक नेताओं को परेशान करने, धमकाने और डराने के लिए जगह दी है।
इसमें उन्हें और भारतीय नेताओं को जान से मारने की धमकी देना भी शामिल है।’’ उसने कहा, ‘‘इन सभी गतिविधियों को बोलने की स्वतंत्रता के नाम पर उचित ठहराया गया है। अवैध रूप से कनाडा में प्रवेश करने वाले कुछ लोगों को तेजी से नागरिकता प्रदान की गई। कनाडा में रहने वाले आतंकवादियों और संगठित अपराध से जुड़े लोगों के संबंध में भारत सरकार के कई प्रत्यर्पण अनुरोधों की अनदेखी की गई है।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा भारत के सबसे वरिष्ठ सेवारत राजनयिक हैं, जिनका 36 वर्षों का शानदार करियर रहा है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘वह जापान और सूडान में राजदूत रह चुके हैं, जबकि इटली, तुर्किये, वियतनाम और चीन में भी सेवा दे चुके हैं। कनाडा सरकार द्वारा उन पर लगाए गए आरोप हास्यास्पद हैं और अवमानना के योग्य हैं।’’
उसने कहा, ‘‘भारत सरकार ने भारत में कनाडा के उच्चायोग की गतिविधियों का संज्ञान लिया है जो वर्तमान शासन के राजनीतिक एजेंडे पर काम करता है।’’ पिछले सप्ताह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के बीच लाओस में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन से इतर ‘संक्षिप्त बातचीत’ हुई थी।