क्या मुस्लिम लॉ के तहत नाबालिग की शादी हो सकती है, क्या ये पॉक्सो एक्ट से बाहर है? केरल हाईकोर्ट ने किया साफ

By विनीत कुमार | Published: November 20, 2022 09:02 AM2022-11-20T09:02:35+5:302022-11-20T09:12:47+5:30

केरल हाईकोर्ट ने साफ किया है कि नाबालिग से शारीरिक संबंध हल हाल में अपराध है। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत नाबालिगों की शादी पॉक्सो एक्ट से बाहर नहीं है।

Can minors marry under Muslim law, is it outside POCSO Act? Kerala High Court clarifies | क्या मुस्लिम लॉ के तहत नाबालिग की शादी हो सकती है, क्या ये पॉक्सो एक्ट से बाहर है? केरल हाईकोर्ट ने किया साफ

मुस्लिम लॉ के तहत नाबालिग से शादी POCSO एक्ट से बाहर नहीं: केरल हाईकोर्ट

Highlightsमुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत नाबालिगों के विवाह पॉक्सो एक्ट के दायरे से बाहर नहीं; केरल हाईकोर्ट'बच्चे के खिलाफ हर प्रकार के यौन शोषण को अपराध माना जाएगा, विवाह भी इससे दायरे में'31 साल के एक मुस्लिम शख्स की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला।

कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत नाबालिगों के विवाह यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के दायरे से बाहर नहीं हैं। शादी की वैधता से इतर अगर दूल्हा या दुल्हन नाबालिग हैं तो POCSO अधिनियम के तहत अपराध लागू होंगे। 

जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस की एकल पीठ ने कहा, 'पॉक्सो अधिनियम विशेष रूप से यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाया गया एक विशेष कानून है। एक बच्चे के खिलाफ हर प्रकार के यौन शोषण को अपराध माना जाएगा। विवाह को इससे बाहर नहीं रखा गया है।'

'बाल विवाह मानवाधिकार का उल्लंघन भी है'

जस्टिस थॉमस ने आगे कहा, 'पॉक्सो एक्ट एक विशेष अधिनियम है। सामाजिक सोच में जागरूकता और प्राप्त प्रगति के चलते ये एक्ट संभव हुआ है। यह विशेष कानून बाल शोषण से संबंधित बातों के आधार पर बनाया गया था। शादी सहित विभिन्न स्तर के तहत यौन शिकारियों से बच्चे की रक्षा करने का विधायी इरादा इसमें है और वैधानिक प्रावधानों से यह स्पष्ट है।'

कोर्ट ने यह भी कहा कि बाल विवाह को मानवाधिकार का उल्लंघन भी माना गया है। कोर्ट ने कहा, 'बाल विवाह बच्चे की पूरी क्षमता से विकास से समझौता करना है। यह समाज में व्याप्त अभिशाप है। पॉक्सो एक्ट का लक्ष्य शादी की आड़ में बच्चे के साथ शारीरिक संबंधों पर रोक लगाना भी है।'

मुस्लिम शख्स की जमानत अर्जी खारिज

अदालत ने यह फैसला नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के एक आरोपी 31 साल के मुस्लिम व्यक्ति की जमानत याचिका को खारिज करते हुए दिया। आरोपी ने तर्क दिया था कि उसने उन पर लागू होने वाले पर्सनल लॉ के तहत मार्च 2021 में लड़की से वैध रूप से शादी की थी।

Web Title: Can minors marry under Muslim law, is it outside POCSO Act? Kerala High Court clarifies

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