Cabinet Aappointment: अजीत डोभाल तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त, पीके मिश्रा बने रहेंगे प्रधान सचिव
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 13, 2024 17:28 IST2024-06-13T17:11:11+5:302024-06-13T17:28:51+5:30
Cabinet Aappointment: अजित डोभाल 1968 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी हैं। 2005 में गुप्तचर ब्यूरो के प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

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Cabinet Aappointment: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है और पीएम ने मंत्रियों को 100 दिन कार्ययोजना पर काम करने को कहा है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी पी के मिश्रा को पुन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में यह जानकारी दी गयी है। आदेश में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति 10 जून 2024 से प्रभावी होगी। इसमें कहा गया है, "नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने आईएएस (सेवानिवृत्त) अधिकारी पी के मिश्रा की प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है जो 10 जून से प्रभावी होगी। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक रहेगी।" अजीत डोभाल तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है।
Appointments Committee of the Cabinet approves the appointment of Dr. P.K. Mishra, lAS (Retired) as Principal Secretary to Prime Minister with effect from 10.06.2024. His appointment will be co-terminus with the term of the Prime Minister or until further orders whichever is… pic.twitter.com/9TfLd5aHZH
— ANI (@ANI) June 13, 2024
डोभाल 1968 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अवकाश प्राप्त अधिकारी हैं। वह 2005 में गुप्तचर ब्यूरो के प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डोभाल को इस पद पर पांच साल के लिए नियुक्त किये जाने को अपनी मंजूरी दे दी है। आदेश में कहा गया है, ‘इस पद पर नियुक्ति के दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री का रैंक दिया गया है।’
Ajit Doval appointed as National Security Advisor for a third time, appointment co-terminus with PM Modi pic.twitter.com/TTLRotwQbB
— ANI (@ANI) June 13, 2024
लगातार तीसरा कार्यकाल दिया गया
डोभाल पहले ऐसे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं, जिन्हें लगातार तीसरा कार्यकाल दिया गया है। पहली बार मई 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया था। डोभाल के पहले कार्यकाल के दौरान, यह माना जाता है कि उरी हमलों के बाद पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए किये गए लक्षित हमले में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
‘कीर्ति चक्र’ जैसा सैन्य सम्मान पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी
अधिकारियों ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में हुए हवाई हमले समेत राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में उनके योगदान के लिए उनकी चौतरफा सराहना हुई। ‘कीर्ति चक्र’ जैसा सैन्य सम्मान पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी डोभाल देश के भीतर और बाहर के खतरों के बारे में अपनी गहरी जानकारी प्रदान करेंगे।
डोभाल को मिजोरम में उग्रवाद विरोधी अभियानों तथा वहां के उग्रवादी नेता लालडेंगा को बातचीत के लिए राजी करने को लेकर उन्हें 1988 में कीर्ति चक्र प्रदान किया गया था। मिज़ो उग्रवादी संगठन के प्रभाव को समाप्त करने के लिए डोभाल ने गुप्त रूप से म्यामां और चीन में प्रवेश किया था। डोभाल ने 33 साल से अधिक समय तक गुप्तचर अधिकारी के तौर पर काम किया।
पूर्वोत्तर, जम्मू कश्मीर और पंजाब में अपनी सेवाएं दी
उन्होंने पूर्वोत्तर, जम्मू कश्मीर और पंजाब में अपनी सेवाएं दी। उन्होंने ब्रिटेन में भी अपनी सेवायें दी हैं। डोभाल को खुफिया सर्किल में सबसे कुशल अधिकारियों में से एक माना जाता है। वह इंडियन एयरलाइंस विमान अपहर्ताओं के साथ हुई बातचीत में मुख्य वार्ताकार थे।
वर्ष 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान संख्या आईसी 814 का अपहरण कर उसे अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था । जनवरी 2005 में गुप्तचर ब्यूरो के प्रमुख पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद डोभाल ने दिल्ली में एक गैर सरकारी संगठन विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की शुरुआत की थी।
पी के मिश्रा को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त
पी के मिश्रा को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किए है। पीएमओ की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रधान सचिव मिश्रा नीतिगत मुद्दों और कार्मिक तथा कानून मंत्रालयों के अलावा कैबिनेट की नियुक्ति समिति तथा अन्य नियुक्तियों से जुड़े मामले देखेंगे।
आदेश के अनुसार, वह कैबिनेट सचिवालय से संबंधित मुद्दे, मंत्रिमंडल की बैठक के लिए विषयों की सूची, भ्रष्टाचार रोधी इकाई, पीएमओ के प्रतिष्ठानों और सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे और मामले भी देखेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल नियुक्तियों को छोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा और नीतिगत मामलों से जुड़े सभी मामले देखेंगे।