नागरिकता बिल: असम समेत पूर्वोत्तर में भारी विरोध प्रदर्शन जारी, बीजेपी सांसदों ने भी माना, 'स्थिति तनावपूर्ण, लोग चिंतित और उलझन में'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 12, 2019 08:38 AM2019-12-12T08:38:02+5:302019-12-12T08:38:30+5:30

CAB Protests: नागरिकता संशोधन बिल को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन जारी है, बीजेपी सांसदों ने भी जताई स्थिति पर चिंता

CAB: Protests continue in north east, Assam BJP MPs admits, Situation very tense, people are worried | नागरिकता बिल: असम समेत पूर्वोत्तर में भारी विरोध प्रदर्शन जारी, बीजेपी सांसदों ने भी माना, 'स्थिति तनावपूर्ण, लोग चिंतित और उलझन में'

असम में सीएबी को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन के बाद कई जिलों में लगा कर्फ्यू

Highlightsनागरिकता संशोधन बिल को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में भारी विरोध प्रदर्शन जारीअसम के बीजेपी सांसदों ने भी माना कि यहां स्थिति बेहद तनावपूर्ण है और लोग चिंतित हैं

बुधवार को राज्यसभा द्वारा पास किए गए नागरिकता संशोधन बिल को लेकर असम में जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी के तीन सांसदों ने 'तनावपूर्ण स्थिति' पर 'चिंता' जताते हुए कहा लोग 'चिंतित और उलझन' में हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी के तीन सांसदों ने कहा कि इस 'बिल को लेकर काफी गलतफहमी' है लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रदर्शन करने का ये तरीका नहीं है।

नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पास होने के बाद विपक्ष के भारी विरोध के बीच बुधवार को राज्यसभा में भी पास हो गया। 

बीजेपी सांसदों ने भी जताई असम की स्थति पर चिंता

तेजपुर से सांसद पल्लब लोचन दास ने कहा, 'ये मुद्दा उस तरह से है जिस तरह से इसे लोगों के सामने पेश किया जा रहा है।' उन्होंने कहा, गलत खबर फैलाई जा रही है कि लाखों लोग यहां रहने आ रहे हैं, और बांग्लादेश के लोगों के लिए सीमाओं की बाड़ तोड़ दी गई हैं। लोगों को कट-ऑफ तारीख के बारे में नहीं बताया गया है।' 

कैब में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश करने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

दास के अनुसार, 'असम के लोगों को डर है कि उनकी भाषा खो जाएगी, बांग्ला, असमी की जगह ले लेगा और वे अल्पसंख्यक बन जाएंगे।' उन्होंने कहा, 'कई कदम उठाने होंगे। जोरदार प्रचार अभियान चलाने के अलावा केंद्र को भाषा की सुरक्षा के लिए कानून पास करना चाहिए। असम में एसटी दर्जा पाने की मांग कर रहे छह सुमदाय हैं, हमें इसके लिए कदम उठाने होंगे।'

गुवाहाटी की सांसद क्वीन ओजा ने स्वीकार किया कि स्थिति खराब है, अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा, मैं कल के बारे में नहीं जानती हूं। गलतफहमी और गलत व्याख्या है। लोगों को चीजों को सही तरीके से समझना चाहिए। ये खराब होता जा रहा है।
 
उन्होंने कहा, 'लोगों को डर है कि अगर बांग्लादेश से आने वालों को नागरिकता दी जाएगी तो उनकी पहचान खो जाएगी। मैं उनकी चिंताओँ को समझती हूं। ये एक वास्तविक चिंता है। मैं उनके प्रदर्शन के अधिकार का समर्थन करती हूं, लेकिन प्रदर्शन का ये तरीका नहीं है।'
 
ये पूछे जाने पर कि प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए क्या करना चाहिए। ओझा ने कहा, 'ये बहुत गर्म मामला है। अगर बर्तन बहुत गर्म हो और हम उसे छुएंगे तो हाथ जल जाएंगे। इंतजार करिए। हमें धीरे-धीरे प्रयास करना होगा।'

मंगलदोई के सांसद दिलीप सैकिया ने कहा, 'स्थिति बेहद तनापवूर्ण है।' उन्होंने माना कि लोगों को बांग्लादेश से हिंदुओं की बड़ा संख्या में आमद का डर है। उन्होंने कहा, 'स्थानीय लोग चिंता है कि लाखों लोग उनके अधिकारों और जीविका को लेने और उनकी भाषा को हटाने आ रहे हैं।' 

असम में भारी विरोध के बीच कई जिलों में लगा कर्फ्यू

नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को संसद द्वारा मंजूरी प्रदान किए जाने के बीच इसे लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर असम के गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में बुधवार को अनिश्चिकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। असम के गुवाहाटी और जोरहाट में सेना को बुला लिया गया है, जबकि त्रिपुरा में असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है। 

दूसरी तरफ, प्रदर्शनकारियों ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के डिब्रूगढ़ स्थित घर पर पथराव किया। इसके अलावा असम के ही दुलियाजन में प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली के घर पर हमला किया और संपत्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। 

सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट पी खोंगसाई ने बताया कि गुवाहाटी में सेना की दो टुकड़ियों को तैनात किया गया है और वे फ्लैग मार्च कर रहे हैं। तिनसुकिया से अधिकारियों के हवाले से प्राप्त खबरों के अनुसार जिले में सेना तैनात की गई है और वे फ्लैग मार्च कर रहे हैं। इससे पहले एक रक्षा प्रवक्ता ने शिलांग में कहा था कि त्रिपुरा में सेना की दो टुकड़ियां तैनात की गई है। 

राज्य सरकार के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए इंटरनेट सेवाओं को स्थगित रखा जायेगा। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) कुमार संजय कृष्णा द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। शरारती तत्वों के शांति को भंग करने के प्रयासों को विफल करने के लिए पूरे त्रिपुरा राज्य में भी मंगलवार को अपराह्र दो बजे से 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं पहले से ही बंद हैं। त्रिपुरा में इंटरनेट सेवाएं बुधवार को दूसरे दिन भी बंद रहीं। अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेट सेवाएं बृहस्पतिवार तक बंद रहेंगी। उन्होंने बताया कि ट्रेन और बस सेवाएं भी रोक दी गई हैं। 

असम, त्रिपुरा में सीएबी का भारी विरोध प्रदर्शन जारी

शुरूआत में असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने बताया था कि कर्फ्यू बृहस्पतिवार की सुबह सात बजे तक प्रभावी रहेगा। हालांकि उन्होंने बाद में बताया कि कर्फ्यू अनिश्चिकाल के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने अगरतला में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य के किसी भी स्थान पर सेना तैनात नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि असम राइफल्स की टुकड़ियों को हिंसाग्रस्त धलाई जिले में तैनात रखा गया है जबकि कुछ अन्य स्थानों पर बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने बृहस्पतिवार को त्रिपुरा में बंद का आह्वान किया है। नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी असम की सड़कों पर उतरे। 

प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हुई और इससे राज्य में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि किसी पार्टी या छात्र संगठन ने बंद का आह्वान नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं जिनकी सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। कुछ छात्र नेताओं ने दावा किया कि सचिवालय के सामने पुलिस कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गये। गैर आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ तथा जोरहाट जैसे अन्य स्थानों पर कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है। 

इसी तरह की घटनाएं त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से भी सामने आई है। प्रदर्शनकारियों ने गुवाहाटी और राजधानी दिसपुर में टायर जलाकर लगभग हर सड़क को अवरूद्ध कर दिया जिससे कार्यालय जाने वाले लोग फंस गये। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि डिब्रूगढ़ में रेलवे स्टेशन छबुआ में प्रदर्शनकारियों ने देर रात आग लगा दी। इसके अलावा तिनसुकिया जिले में पानीटोला रेलवे स्टेशन पर भी आगजनी की गई। कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के अखिल गोगोई ने इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ ‘हड़ताल’ का आह्वान किया है। 

गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालयों ने सभी परीक्षाओं को 14 दिसम्बर तक के लिए स्थगित कर दिया। डिब्रूगढ़ में प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई जहां प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गये। डिब्रूगढ़ में पथराव की घटना में एक पत्रकार के घायल होने की खबर है। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कई रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया और राज्य से बनकर चलने वाली कुछ ट्रेनों का समय बदल दिया। 

नागरिकता संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाता है।

Web Title: CAB: Protests continue in north east, Assam BJP MPs admits, Situation very tense, people are worried

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