CAA Protest: दिल्ली, यूपी के बाद बिहार में हिंसक प्रदर्शन, तोड़फोड़, रेल एवं सड़क यातायात थमा
By भाषा | Updated: December 21, 2019 16:37 IST2019-12-21T16:37:55+5:302019-12-21T16:37:55+5:30
बांस के डंडे और पार्टी के झंड़े हाथ में लिए हुए बंद समर्थक सर्द हवाओं की परवाह किए बगैर राज्य के सभी जिलों में बस अड्डों, रेल की पटरियों और अन्य स्थलों पर एकत्रित हो गए। वे बंद आहूत करने के लिए विभिन्न स्थानों में रेल की पटरियों पर बैठ और बस टर्मिनलों को अवरुद्ध कर दिया

बंद को कांग्रेस तथा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) जैसे दल भी समर्थन दे रहे हैं।
बिहार में संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान शनिवार को बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ हुई और रेल एवं सड़क यातायात बाधित रहा।
बांस के डंडे और पार्टी के झंड़े हाथ में लिए हुए बंद समर्थक सर्द हवाओं की परवाह किए बगैर राज्य के सभी जिलों में बस अड्डों, रेल की पटरियों और अन्य स्थलों पर एकत्रित हो गए। वे बंद आहूत करने के लिए विभिन्न स्थानों में रेल की पटरियों पर बैठ और बस टर्मिनलों को अवरुद्ध कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने भागलपुर, मुजफ्फरपुर और पटना के बाहरी इलाकों में बंद आहूत करने के लिए सड़कों पर चल रही टैक्सियों तथा ऑटो की खिड़कियों के शीशे तोड़ तोड़ दिए और साइकिल रिक्शा को क्षतिग्रस्त कर दिया। कई स्थानों पर बच्चों समेत बंद समर्थक अपने अंतर्वस्त्र ही पहने रहे।
Bihar: RJD leader Tejashwi Yadav at Mahagathbandhan (grand alliance) rally in Patna against #CitizenshipActpic.twitter.com/9AWMyeTEyj
— ANI (@ANI) December 21, 2019
बच्चों की आयु 10-15 साल से अधिक नहीं थी। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के वारिस माने जाने वाले तेजस्वी यादव ने यहां बीर चंद पटेल मार्ग में पार्टी कार्यालय से डाक बंगला क्रॉसिंग तक एक बड़े जुलूस के साथ मार्च किया जिससे व्यस्त फ्रेजर रोड तथा बेली रोड पर यातायात थम-सा गया।
पटना में कुछ स्थानों पर बंद आहूत करवाने के हथकंड़ों के लिए पहचाने जाने वाले पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लोगों को गुलाब देकर अपनी छवि सुधारने की कोशिश की और उनसे ‘‘राष्ट्र हित’’ में बंद का समर्थन करने का अनुरोध किया। इस बंद को कांग्रेस तथा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) जैसे दल भी समर्थन दे रहे हैं।
मुख्य विपक्षी दलों द्वारा बुलाए बिहार बंद से महज दो दिन पहले वाम दलों ने राज्यव्यापी बंद बुलाया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में मार्च में हिस्सा लिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आश्वासन दिया है कि राज्य में एनआरसी लागू नहीं की जाएगी लेकिन इसके बावजूद बंद के पीछ के तर्क के बारे में पूछे जाने पर कुशवाहा ने कहा, ‘‘राज्य सरकारों द्वारा ऐसे आश्वासन देने का कोई मतलब नहीं है। हमें केंद्र को ऐसा कदम उठाने से रोकना चाहिए।’’
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने दावा किया कि सभी विपक्षी दल लोकतंत्र को बचाने के लिए बंद का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार का आश्वासन आधा-अधूरा है। उनकी पार्टी ने कैब का समर्थन क्यों किया।’’ राज्य के हाजीपुर में स्थित मुख्यालय वाले पूर्वी केंद्रीय रेलवे ने एक बयान में कहा कि विभिन्न स्टेशनों पर कम से कम सात ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित है। उत्तर बिहार के सबसे बड़े शहर मुजफ्फरपुर में राजद और कांग्रेस नेता बंद आहूत करने के लिए राजमार्गों, प्रमुख सड़कों और रेलवे क्रॉसिंग पर बैठ गए।
ब्रह्मपुर जैसे सथानों पर उनकी दुकानदारों के साथ झड़प हुई जिन्होंने दुकानें बंद करने से इनकार कर दिया था। मुंगेर, भागलपुर, बेगूसराय, जहानाबाद और नवादा जैसे जिलों से भी बंद के कारण सामान्य कारोबार और यातायात बाधित होने की खबरें हैं। आरा से प्राप्त एक खबर के मुताबिक बंद समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हुई। शनिवार रहने के कारण स्कूल, कॉलेज और ज्यादातर सरकारी कार्यालय बंद रहे।