CAA Protest: यूपी में हिंसा, हजारों उपद्रवियों के पोस्टर जारी, लाखों का नुकसान, कुर्की आदेश जारी
By भाषा | Published: December 26, 2019 06:12 PM2019-12-26T18:12:16+5:302019-12-26T18:12:16+5:30
सम्भल में पुलिस ने नागरिकता कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में 26 लोगों को चिन्हित कर नोटिस जारी किये गये हैं। पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि 55 उपद्रवियों को चिन्हित किया गया है तथा 150 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किये गये हैं और चिन्हित लोगों की पहचान बताने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस जारी किये जा रहे हैं और उनकी गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है व संपत्ति के नुकसान का आकलन हो रहा है।
सम्भल में पुलिस ने नागरिकता कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में 26 लोगों को चिन्हित कर नोटिस जारी किये गये हैं। पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि 55 उपद्रवियों को चिन्हित किया गया है तथा 150 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किये गये हैं और चिन्हित लोगों की पहचान बताने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
अपर जिलाधिकारी कमलेश अवस्थी ने बताया कि पिछले दिनों सम्भल में हुई घटना में सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन जारी है। अब तक के आकलन में 11 लाख 66 हजार का नुक़सान पाया गया है। अब तक 26 लोगों को चिन्हित कर उन्हे नोटिस जारी किए गए हैं। यदि वो लोग इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे तो उनकी कुर्की तक की जाएगी।
Uttar Pradesh Police: 124 people arrested for posting inciting content on social media. 93 FIRs registered. Action taken on 19409 social media posts. 9372 Twitter, 9856 Facebook, and 181 YouTube profiles blocked. https://t.co/ZRWNHoAVnU
— ANI UP (@ANINewsUP) December 26, 2019
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने संभल में हुए उपद्रव के संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि अब तक 55 लोगों को चिन्हित किया गया है जबकि डेढ़ सौ लोगों के पोस्टर जारी किए गए हैं, जिन्होंने दंगा फसाद गोलीबारी की थी। अब तक इस घटना में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सर्च के दौरान अट्ठारह तमंचे, 109 कारतूस, तलवारें, चाकू बरामद
उन्होंने बताया कि घटनास्थल के आसपास सर्च के दौरान अट्ठारह तमंचे, 109 कारतूस, तलवारें, चाकू बरामद किए गए हैं। अब तक 12 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। साथ ही भड़काऊ वीडियो जारी करने के लिए तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। प्रसाद ने बताया कि हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों सहित कुल 55 पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।
बहराइच में गुरुवार तक कुल 43 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वीडियो फुटेज के जरिए अभी तक 95 उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है तथा बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद धारा 144 का उल्लंघन कर उपद्रव फैलाने व साजिश करने वालों को चिन्हित करने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं।
Firozabad: Drones being used by police for aerial survey. SSP, says, "Since there was a lot of stone pelting (during protests), we're trying to identify areas where there is potential for such incidents. 35 cases registered&3 casualties resulted in violence that occurred" (25.12) pic.twitter.com/MhpM3G47oN
— ANI UP (@ANINewsUP) December 25, 2019
पुलिस के अधिकारी लगातार वीडियो फुटेज खंगालने में लगे हुए हैं। साथ ही आईटी विशेषज्ञ घटना से पूर्व सोशल मीडिया पर वाइरल हुए संदेशों की गहन जांच कर रहे हैं। एसपी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों व खासतौर पर साजिश कर्ताओ के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाय लेकिन किसी निर्दोष को परेशान न होने दिया जाय।
उन्होंने बताया कि बहराइच में हजारों प्रदर्शनकारियों ने एकत्र होकर उग्र नारेबाजी व पुलिस बल पर पथराव तो किया था लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण उपद्रव करने वाले ना तो कहीं आगजनी कर सके थे और न ही किसी विशेष सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचा सके थे।
ग्रोवर ने बताया कि शहर व जिले में शांति कायम रखने के दृष्टिगत लगातार पीस कमेटी की बैठकें की जा रही हैं। लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के तमाम पहलुओं पर जानकारी दी जा रही है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी दिन रात गश्त कर माहौल पर सतर्क दृष्टि रखे हुए है। बीते शुक्रवार नागरिकता संशोधन अधिनियम व संभावित एनआरसी के विरोध में मुस्लिम समुदाय के हजारों लोगो ने जुमे की नमाज खत्म होने के बाद सडकों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन किया था।
पुलिस द्वारा रोकने पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पथराव किया जिससे 10 पुलिस कर्मियों को चोटें आई थीं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस, पीएसी, अर्ध सैनिक बल व आसपास के जनपदों की पुलिस को बुला लिया गया था। पुलिस को लाठी चार्ज व आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा था। दो दिन तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। दो हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में छः मुकदमे दर्ज किए गए थे। 38 उपद्रवियों को 24 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
फिलहाल बीते चार दिनों में पुलिस ने पांच लोगों को और गिरफ्तार किया है। फ़िरोज़ाबाद में पिछले शुक्रवार को हुए उपद्रव में आगजनी, तोड़फोड़ कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर जिला पुलिस प्रशासन सख्त हो गया है। संपत्ति नुकसान का आकलन कराया जा रहा है और उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। एसएसपी सचिन्द्र पटेल ने बताया कि 13 लोगों को जेल भेजा जा चुका है और वीडियो, फ़ोटो जारी करके उपद्रव करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है।
सरकारी सम्पत्ति का नुकसान करने वालों से वसूली की कार्रवाई की जा रही है। कल शुक्रवार को शांति व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन सतर्क है। गैर ज़िले से आयी फ़ोर्स को वापस नहीं किया गया है। अतिरिक्त फ़ोर्स बुलाये जाने की मांग शासन की गई है जिससे ज़िले में पूरी तरह से अमन चैन बना रहे। एसएसपी एवं डीएम मुस्लिम धर्म गुरुओं के सहयोग से व स्वयं जनता से मिलकर अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहे हैं। फिलहाल शहर में पूर्णतः शांति का माहौल है।
चूड़ी कारखाने खुले हैं और बाजार में रौनक नज़र आ रही है। उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड ने गुरूवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में मुसलमानों को न शामिल करना भारत की सुरक्षा के हित मे है, जो भारत का मुसलमान हैं, वो ही सिर्फ हिन्दुतानी हैं । जो मुसलमान घुसपैठिये हैं, उनको देश छोड़ना ही चाहिए। बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि एनआरसी और नागरिकता कानून का विरोध कांग्रेस और उसकी जैसी पार्टियों ने हिंदुस्तानी मुसलमानों से करवा कर सड़कों पर उनका खून बहाया है। जो अभी हाल में कई प्रदेशों में उग्र प्रदर्शन हुए हैं, वह साजिश कर दंगे कराए गए हैं।
मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त संदीप पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उन्हें एक खुला पत्र लिखकर कहा कि लखनऊ में प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में जो प्राथमिकियां दर्ज की गयीं, उनमें अधिकांश आरोपी मुसलमान हैं। अगर कार्रवाई में मुस्लिमों को लेकर भेदभाव होगा तो उनसे सरकार—प्रशासन में भरोसा रखने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए अराजक तत्व जिम्मेदार हैं जबकि कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिन्होंने अपने पूरे जीवन शांतिपूर्वक प्रदर्शन किये और जिनकी देश के संविधान में आस्था है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लगभग 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है। इनमें छात्र, शिक्षक और गैर शिक्षण स्टाफ शामिल हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता कानून के विरोध के दौरान जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करने और नागरिकता कानून का विरोध के लिए उक्त लोगों ने कैण्डल लाइट मार्च किया था ।
Aligarh: AMU appoints one of the students who suffered injuries during violence at campus on 15 Dec, as ad-hoc Asst Prof. AMU PRO says, "VC has appointed Mohammad Tariq with immediate effect. His background is financially weak, he is a JRF & NET qualified PhD scholar". (25.12.19) pic.twitter.com/apeviXivUa
— ANI UP (@ANINewsUP) December 25, 2019
एएमयू के लगभग 2000 लोगों ने 24 दिसंबर की शाम मार्च निकाला था और राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन प्रशासन के एक अधिकारी को सौंपा था। सिविल लाइंस के क्षेत्राधिकारी अनिल समानिया ने संवाददाताओं को बताया कि उक्त लोगों पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर बिना अनुमति जुलूस निकालने का मामला दर्ज किया गया है। नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के परिप्रेक्ष्य में एएमयू पांच जनवरी 2020 तक बंद है और हास्टल खाली करा लिये गये हैं।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार हिन्दू—मुस्लिम एकता से डरी हुई है । वह जनता पर अपराधी होने का आरोप लगा रही है । लोगों के पहनावे पर टिप्पणी दे रही है । गरीब लोगों की संपत्ति को ज़ब्त करना चाह रही है। नागरिकों से बदला लेने की धमकी दे रही है।
उन्होंने टवीट कर कहा कि सरकार को जनता को बताना चाहिए कि वह पुलिस बर्बरता के खिलाफ कार्रवाई कब शुरू करेगी । भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन कानून नहीं लागू करने पर केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल, राजस्थान सहित इसको लागू न करने की घोषणा कर रही राज्य सरकारों के खिलाफ अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए कार्रवाई करेगी।
सलेमपुर से भाजपा सांसद कुशवाहा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान में स्पष्ट व्यवस्था है कि केंद्र सरकार संसद से पारित कराकर कोई कानून बनाती है तो सभी राज्य सरकारों को इसको लागू करना ही होगा। उन्होंने पश्चिम बंगाल व राजस्थान सरकार द्वारा इसे अपने राज्यों में लागू न करने की घोषणा पर कहा कि अपने वोट बैंक को बरगलाने के लिये भले कोई बयान दे लेकिन यदि यह लागू करने में बाधा डालेंगे तो केंद्र सरकार राज्य सरकारों के खिलाफ अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए कार्रवाई करेगी।