नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में 16 लोगों के मारे जाने की घटना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बदला लेने' की चेतावनी के बीच रामपुर जिला प्रशासन सरकारी संपत्ति के नुकसान को वसूलने की कोशिश में जुट गया है। प्रदर्शन और बवाल के दौरान जिन चीजों का प्रशासन को नुकसान हुआ उसमें पुलिस की मोटरसाइकल, बैरियर्स और डंडे भी शामिल हैं। प्रशासन की ओर से 28 लोगों को नोटिस भेजा गया और पूछा गया है कि क्यों न उनसे 14.86 लाख रुपये के हुए सरकारी संपत्ति के नुकसान को वसूला जाए।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है उनमें कढ़ाई आदि का काम करने वाले करीगर सहित घूम-घूम कर मसाले आदि भी बेचने वाले भी शामिल हैं। इनमें से प्रदर्शन और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में कई पहले से पुलिस की हिरासत में हैं। रिपोर्ट के अनुसार कढ़ाई करने वाले एक कामगार जमीर की मां मुन्नी बेगम ने बताया कि उनके पास अपने बेटे को हिरासत से निकलने के लिए एक वकील करने के भी पैसे नहीं हैं।
जमीर की मां के अनुसार पुलिस रविवार को नई बस्ती स्थित उनके ङर आई और जमीर को अपने साथ ले गई। जमीर की मां ने कहा, 'उन्होंने बताया भी नहीं कि वे उसे कहां लेकर जा रही हैं। अगले दिन हमें पता चला कि पुलिस ने शनिवार को हुई हिंसा के लिए उसे पकड़ा है और जेल भेज दिया है। मेरा बेटा कक्षा चौथी तक पढ़ा है। वह बेकसूर है। हिंसा वाले दिन वह घर पर था।' जमीर की मां ने साथ बताया कि अभी उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है।
जमीर के पड़ोस में रहने वाले महमूद को भी पुलिस ने हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया है। महमूद एक गाड़ी पर घूम-घूम कर मसाले बेचने का काम करता है। महमूद के रिश्तेदार फहीम भी कहते हैं कि हिंसा वाले दिन वह घर पर था।
रामपुर में बिलासपुर गेट के पास रहने वाले मजदूर पप्पू की पत्नी सीमा भी कहती हैं कि उनके पति को पुलिस बिना किसी वजह के पकड़ कर ले गई। सीमा का भी दावा है कि उनके पति हिंसा के दिन घर पर थे। सीमा के अनुसार कोई भी उनकी बातें सुनने को तैयार नहीं है।
CAA Protest: 28 लोगों को भेजा गया नोटिस
रामपुर जिला मजिस्ट्रेट आंजनेय कुमार सिंह ने बताया, 'हमने 28 लोगों को नोटिस जारी किये हैं जिनकी भूमिका हिंसा में नजर आती है। पुलिस ने इसके खिलाफ सबूत पेश किए। सभी 28 लोगों को एक हफ्ते में जवाब देने को कहा गया है। अगर जवाब नहीं आता है तो उनके खिलाफ वसूली का काम शुरू हो जाएगा। इन 28 में से कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दूसरों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है। कोई आरोपी या उसका परिवार इस बात का सबूत पेश कर सकता है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है।'
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि इलहाबाद हाई कोर्ट के एक निर्देश के आधार पर राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के बाद नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस को स्थानीय पुलिस की ओर उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर जारी किया गया। पुलिस के पास वीडिय क्लिप हैं। ये मीडिया हाउस और स्थानीय निवासियों से भी हासिल किए गये हैं। पुलिस ने कई जगहों से सीसीटीवी फुटेज भी निकाले हैं।
CAA Protest: नोटिस में 14,86,500 रुपये के नुकसान की बात
इस नोटिस में 14,86,500 रुपये के सरकारी संपत्ति के नुकसान की बात कई गई है। इसमें भोट पुलिस स्टेशन की एक जीप (750,000), एक सब इंस्पेक्टर की 65 हजार की मोटरसाइकिल, सिटी कोतवाल पुलिस स्टेशन की 90 हजार की मोटरसाइकिल, वायरलेस सेट, हूटर/लाउडस्पीकर, 10 डंडे, तीन हेलमेट और शरीर को रक्षा देने वाले तीन कवच के नुकसान की बात कही गई है।