केरल के राज्यपाल ने किया CAA का समर्थन, कहा-सरकार ने निभाया गांधी और नेहरू का वादा
By स्वाति सिंह | Published: December 21, 2019 07:19 PM2019-12-21T19:19:52+5:302019-12-21T19:21:28+5:30
राज्य में 'भारत के संविधान की रक्षा' करने का आह्वान करते हुए केरल में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ अपने अभियान को मजबूत करने के तौर पर शनिवार को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया।
नागरिकता संसोधन कानून को लेकर देशभर पर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसी बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सरकार ने महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और कांग्रेस के वादे को पूरा किया है जो उन्होंने पाकिस्तान में दुखद जिंदगी बिता रहे लोगों से की थी। उन्होंने कहा 'इस कानून की नींव 1985 और 2003 में रखी गई थी, सरकार ने इसे सिर्फ कानूनी रूप दिया है।'
उधर, राज्य में 'भारत के संविधान की रक्षा' करने का आह्वान करते हुए केरल में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ अपने अभियान को मजबूत करने के तौर पर शनिवार को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया। रमेश चेन्निथला, के सी वेणुगोपाल, मुल्लापल्ली रामचंद्रन, शशि थरूर, बेन्नी बेहनान और एम एम हसन समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस अभियान में भाग लिया।
कई जिलों में पार्टी के सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं समेत कई नेताओं ने गिरफ्तारियां दी। कोच्चि, वायनाड, कोझीकोड और तिरुवनंतपुरम समेत कुछ स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने और केंद्रीय सरकारी संस्थानों में घुसने की कोशिश की जिससे पुलिसकर्मियों के साथ मामूली झड़पें हुई।
उत्तर केरल के मलाप्पुरम जिले में प्रदर्शन की शुरुआत करते हुए राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता चेन्निथला ने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा और उसकी सरकार देश के लोगों को हिंदुओं और मुस्लिमों के तौर पर विभाजित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, ‘‘यह निरंकुशता और फासीवाद के खिलाफ लड़ाई है। सरकार धार्मिक आधार पर देश के लोगों को बांटने वाले कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोगों को चुप कराने के लिए कठोर बल का प्रयोग कर रही है।’’
चेन्निथला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संविधान का मूल ढांचा बदलने की कोशिश कर रहे हैं। वे केशवानंद भारती मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को कैसे कम आंक सकते हैं और एक असंवैधानिक संशोधन कर सकते हैं। अब हमने सीएए को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। मुझे भरोसा है कि नये कानून को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया जाएगा।’’ प्रदेश कांग्रेस प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कासरगोड जिले में प्रदर्शन की अगुवाई की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देशभर में विश्वविद्यालयों के छात्र और शिक्षाविद सीएए के खिलाफ आंदोलन की राह पर हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राष्ट्रीय राजधानी समेत कई शहरों में नेटवर्क थम गया है और मोदी के नये डिजीटल इंडिया में लोगों को मौलिक अधिकार तक नहीं दिए जा रहे हैं।’’
उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर संविधान का मूल ढांचा नष्ट करने और भारत को हिंदू राष्ट्र में तब्दील करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। धर्म के आधार पर मुस्लिमों को नागरिकता देने से इनकार करने और लोगों के प्रदर्शनों को साम्प्रदायिक मुद्दा बताने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए रामचंद्रन ने कहा, ‘‘कांग्रेस हमेशा भारत के अल्पसंख्यकों के साथ खड़ी रहेगी। हम आपके लिए मरने को तैयार हैं। यह महात्मा गांधी की पार्टी है जिन्होंने देश के लोगों के लिए अपनी जान का बलिदान दे दिया।’’
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सीएए के खिलाफ अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने का अनुरोध किया। केपीसीसी के उपाध्यक्ष और विधायक वी डी सतीशन ने कोच्चि में प्रदर्शन का आगाज किया। थरूर ने कोझीकोड में प्रदर्शन की अगुवाई की जबकि पूर्व पार्टी प्रदेश प्रमुख एम एम हासन ने तिरुवनंतपुरम में आंदोलन का आगाज किया। एआईसीसी महासचिव वेणुगोपाल ने शुक्रवार को अलाप्पुझा में सीएए विरोधी प्रदर्शन की अगुवाई की। सीएए के खिलाफ विरोध तेज करते हुए वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कहा था कि यह ‘‘असंवैधानिक’’ कानून कांग्रेस शासित राज्यों में लागू नहीं किया जाएगा