CAA Protest: चेन्नई में DMK और सहयोगियों ने निकाली रैली, कोर्ट ने पुलिस को वीडियो बनाने का दिया आदेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 23, 2019 13:19 IST2019-12-23T13:19:40+5:302019-12-23T13:19:40+5:30

मद्रास हाई कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि द्रमुक यदि अनुमति नहीं मिलने के बावजूद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सोमवार को प्रस्तावित रैली करता है तो उसका वीडियो बनाया जाए।

CAA Protest: DMK and allies rally in Chennai, court orders police to make video | CAA Protest: चेन्नई में DMK और सहयोगियों ने निकाली रैली, कोर्ट ने पुलिस को वीडियो बनाने का दिया आदेश

द्रमुक और सहयोगी दलों की रैली

Highlights मार्च के दौरान स्टालिन, चिदंबरम और अन्य शीर्ष नेताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं।द्रमुक और सहयोगी दलों के कार्यकर्ता विवादित कानून के खिलाफ नारे लगा रहे थे।

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ द्रमुक और उसके सहयोगियों ने सोमवार को चेन्नई में रैली निकाली और इस कानून को वापस लेने की मांग की। द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, एमडीएमके प्रमुख वाइको और वाम दलों की राज्य इकाई के नेताओं ने एगमोर से राजरथिनम स्टेडियम तक की दो किमी की दूरी मार्च करके तय की। मार्च के दौरान स्टालिन, चिदंबरम और अन्य शीर्ष नेताओं ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं।

द्रमुक और सहयोगी दलों के कार्यकर्ता विवादित कानून के खिलाफ नारे लगा रहे थे। पुलिस ने बताया कि रैली को देखते हुए व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए, ड्रोन तैनात किए गए और 5,000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा ड्यूटी में लगाया गया।

कोर्ट ने सीएए के विरोध में द्रमुक की रैली का वीडियो बनाने का पुलिस को दिया आदेश

वहीं, मद्रास हाई कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि द्रमुक यदि अनुमति नहीं मिलने के बावजूद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सोमवार को प्रस्तावित रैली करता है तो उसका वीडियो बनाया जाए। कोर्ट ने रैली के खिलाफ जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान रविवार देर रात यह अंतरिम आदेश दिया। 

इससे पहले, तमिलनाडु सरकार के वकील ने अदालत को सूचित किया कि पुलिस ने रैली की अनुमति नहीं दी है क्योंकि आयोजकों ने संपत्ति को कोई नुकसान होने या किसी प्रकार की हिंसा होने की स्थिति में जिम्मेदारी लेने को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई। न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन और न्यायमूर्ति पी टी आशा की पीठ ने रैली रोकने से इनकार कर दिया और कहा कि लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह लोकतांत्रिक ताने-बाने का आधार है। 

याचिकाकर्ताओं आर वराकी और आर कृष्णमूर्ति ने रैली आयोजित करने से द्रमुक को रोकने का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि इस प्रकार के ‘‘अवैध’’ प्रदर्शनों से लोगों का जीवन प्रभावित होगा और इस रैली के हिंसक होने एवं अशांति पैदा होने की आशंका है जैसा कि दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न इलाकों में इसी प्रकार की रैलियों में हुआ है। मामले को तत्काल सुनवाई के लिए लाए जाने पर सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि द्रमुक ने रैली में हिस्सा लेने वाले लोगों की संख्या के संबंध में प्रश्न का उत्तर नहीं दिया और उसने उस व्यक्ति का नाम भी नहीं दिया जो सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान होने एवं कोई अप्रिय घटना होने की स्थिति में जिम्मेदारी लेगा। 

अदालत ने कहा, ‘‘प्रतिवादी के उत्तर से यह पता चलता है कि रैली/प्रदर्शन करने वाला राजनीतिक दल जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता और हमें लगता है कि पुलिस द्वारा पूछे गए सवाल प्रासंगिक हैं।’’ उसने कहा कि जिम्मेदार राजनीतिक दल ने जिस तरीके से प्रश्नों का उत्तर दिया है, उससे अदालत के दिमाग में यह आशंका पैदा होती है कि प्रदर्शन कर रहे नेता सम्पत्ति को किसी प्रकार का नुकसान होने या कोई अप्रिय घटना होने की जिम्मेदारी लेने से बच रहे है। 

इसके बाद अदालत ने पुलिस को आदेश दिया कि वह प्रदर्शन का वीडियो बनाए और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल करे ताकि कोई गैरकानूनी घटना होने पर रैली का आयोजन कर रहे राजनीतिक दलों के नेताओं की जिम्मेदारी तय की जा सके। उसने मामले की सुनवाई 30 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

Web Title: CAA Protest: DMK and allies rally in Chennai, court orders police to make video

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे