CAA का विरोध: जामिया हिंसा को लेकर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा दिल्ली हाई कोर्ट

By भाषा | Updated: December 19, 2019 05:12 IST2019-12-19T05:12:25+5:302019-12-19T05:12:25+5:30

याचिका में आरोप लगाया कि छात्र और शिक्षक संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने इसे बाधित किया और उनके खिलाफ “अनुचित, अत्यधिक, मनमाने और क्रूर बल” का इस्तेमाल किया।

CAA protest: Delhi High Court to hear two PILs on Jamia violence | CAA का विरोध: जामिया हिंसा को लेकर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा दिल्ली हाई कोर्ट

CAA का विरोध: जामिया हिंसा को लेकर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताई, जो संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्मामिया के पास हाल में हुई हिंसा से संबंधित हैं।

दोनों याचिकाएं न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायामूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष दायर की गईं और इन पर अब गुरुवार को सुनवाई होगी। पहली याचिका सुबह वकील रिजवान द्वारा दायर की गई, जिसमें विश्वविद्यालय में हुई हिंसा का पता लगाने के लिए तथ्यान्वेषण समिति की स्थापना करने का अनुरोध किया गया।

दूसरी याचिका दोपहर करीब ढेड़ बजे संसद भवन के दूसरी तरफ स्थित जामा मस्जिद के इमाम और ओखला के दो निवासियों के तरफ से दायर की गई, जिसमें जामिया मिल्लिया पर हिंसा की जांच सीबीआई या एसआईटी जैसी किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराने का अनुरोध किया गया।

इमाम और दो अन्य की तरफ से वकील महमूद प्राचा ने याचिका दायर की और उन्होंने कथित रूप से दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की। याचिका में कहा गया कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि “उन्हें प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तथ्यों और सबूतों से छेड़छाड़ करने का समय न मिले।”

इसमें कहा गया है कि प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है और ऐसे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का हमला उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन था। रिजवान की याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली पुलिस ने “कानून और व्यवस्था बहाल करने के बहाने जामिया मिल्लिया के छात्रों, विशेष रूप से छात्राओं के खिलाफ मनमाने, अत्यधिक, भेदभावपूर्ण और अवैध बल के इस्तेमाल का सहारा लिया।”

याचिका में आगे आरोप लगाया कि छात्र और शिक्षक संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने इसे बाधित किया और उनके खिलाफ “अनुचित, अत्यधिक, मनमाने और क्रूर बल” का इस्तेमाल किया।

Web Title: CAA protest: Delhi High Court to hear two PILs on Jamia violence

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