CAA का विरोध, कलकत्ता हाईकोर्ट ने पोलैंड के छात्र को दिए गए ‘भारत छोड़ो’ नोटिस पर रोक लगाई

By भाषा | Published: March 5, 2020 08:10 PM2020-03-05T20:10:52+5:302020-03-05T20:10:52+5:30

न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने 18 मार्च तक सरकार के नोटिस पर रोक लगा दी। उस दिन अदालत छात्र की याचिका पर आदेश सुनाएगी। पोलैंड का छात्र कामिल सिडज्योंस्की यादवपुर विश्वविद्यालय में तुलनात्मक साहित्य विभाग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहा है।

CAA protest, Calcutta High Court stays 'Quit India' notice given to Poland student | CAA का विरोध, कलकत्ता हाईकोर्ट ने पोलैंड के छात्र को दिए गए ‘भारत छोड़ो’ नोटिस पर रोक लगाई

उसे 24 फरवरी को नोटिस मिला इसलिए उसे नौ मार्च तक भारत छोड़ना पड़ता।

Highlightsक्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ), कोलकाता ने 14 फरवरी को ‘भारत छोड़ो नोटिस’ जारी किया था।सरकार ने अदालत से कहा कि छात्र वीजा धारक होने के कारण कोई भी विदेशी भारत की संसद द्वारा पारित कानून को चुनौती नहीं दे सकता है।

कोलकाताः कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को केंद्र के उस नोटिस पर रोक लगा दी जिसमें पोलैंड के छात्र को महानगर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित रैली में कथित तौर पर हिस्सा लेने के लिए भारत छोड़ने को कहा गया था।

न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने 18 मार्च तक सरकार के नोटिस पर रोक लगा दी। उस दिन अदालत छात्र की याचिका पर आदेश सुनाएगी। पोलैंड का छात्र कामिल सिडज्योंस्की यादवपुर विश्वविद्यालय में तुलनात्मक साहित्य विभाग में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहा है। उसे विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ), कोलकाता ने 14 फरवरी को ‘भारत छोड़ो नोटिस’ जारी किया था। पोलैंड के नागरिक के आग्रह का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने अदालत से कहा कि छात्र वीजा धारक होने के कारण कोई भी विदेशी भारत की संसद द्वारा पारित कानून को चुनौती नहीं दे सकता है।

केंद्र सरकार के वकील फिरोज एडुल्जी ने कहा कि कोई विदेशी नागरिक संविधान के अनुच्छेद 19 को चुनौती नहीं दे सकता है क्योंकि यह उस पर लागू नहीं होता है। एडुल्जी ने कहा कि एफआरआरओ ने फील्ड रिपोर्ट के आधार पर उसे नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय में सिडज्योंस्की ने याचिका दायर कर नोटिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की जिसमें उसे नोटिस प्राप्त होने के 14 दिनों के अंदर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। चूंकि उसे 24 फरवरी को नोटिस मिला इसलिए उसे नौ मार्च तक भारत छोड़ना पड़ता।

नोटिस में सिडज्योंस्की पर आरोप लगाया गया कि वह सरकार विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था और इस प्रकार उसने वीजा नियमों का उल्लंघन किया जिससे छात्र ने इंकार किया है। सिडज्योंस्की के वकील जयंत मित्रा ने अदालत में कहा कि 19 दिसम्बर 2019 को जब वह बाहर निकला तो यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने उसे महानगर के न्यू मार्केट इलाके में एक कार्यक्रम में साथ चलने के लिए कहा। उसने दावा किया कि उसने अनिच्छा से और उत्सुकतावश ऐसा किया।

मित्रा ने कहा कि पता चला कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण प्रदर्शन था जिसमें समाज के विभिन्न तबके के लोग शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि छात्र जल्द ही अन्य छात्रों से अलग हो गया और सड़क किनारे दर्शक की तरह खड़ा हो गया। छात्र ने दावा किया कि एक व्यक्ति ने उससे कुछ सवाल पूछे और उसका फोटो भी खींचा और बाद में पता चला कि वह एक बंगाली दैनिक का फोटो पत्रकार है जिसमें उसका फोटो और कुछ संबंधित खबरें छपीं। मित्रा ने दावा किया कि अखबार में उसके हवाले से कुछ गलत बयान जारी हुए। पोलैंड के सेजसीन का रहने वाला सिडज्योंस्की 2016 से भारत में पढ़ रहा है। 

Web Title: CAA protest, Calcutta High Court stays 'Quit India' notice given to Poland student

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