भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से पहले यहां प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने ‘अमित शाह वापस जाओ’ के नारे लगाए और हवा में काले रंग के गुब्बारे उड़ाए। पुलिस द्वारा प्रदर्शन की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने शाह के खिलाफ नारेबाजी की।
इन प्रदर्शनकारियों ने खुद को संविधान संरक्षण समिति का सदस्य बताते हुए संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ भी नारे लगाए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बाद में पुलिस ने इन लोगों को हिरासत में ले लिया।
खबरों के अनुसार कुछ प्रदर्शनकारियों ने विरोध के तौर पर काले गुब्बारे भी हवा में उड़ाए। कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद शाह बेंगलुरु पहुंचे थे। वह सीएए को लेकर एक जनसभा को शाम में संबोधित करने के लिए हुबली जाएंगे। यह भाजपा के देशव्यापी जन जागरण अभियान का हिस्सा है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय संस्कृति और परंपरा का “ध्वजवाहक” बताया। वेदांत भारती द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में अपने भाषण में शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी भारतीय संस्कृति और परंपरा के ध्वजवाहक के रूप में दुनिया भर का दौरा कर रहे हैं।’’
अपनी बात को साबित करने के लिए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री की शपथ लेने से पहले वाराणसी में गंगा में डुबकी लगायी और गंगा आरती में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर में भारत सरकार की ओर से विशेष प्रार्थना के लिए लाल चंदन भेजा।
शाह ने धर्मनिरपक्षेता की गलत व्याख्या करने और देश की श्रेष्ठ चीजों का सम्मान करने से रोकने को लेकर पिछली सरकारों की आलोचना भी की । उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लंबे समयांतराल के बाद हमारे पास ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो संदेश देते हैं कि दुनिया को देने के लिए हमारे पास काफी चीजें हैं।’’