CAA: "ममता बनर्जी को खुली चुनौती है, बताएं सीएए कैसे किसी की नागरिकता छीन रहा है, वो केवल वोट के लिए डर पैदा कर रही हैं", गृहमंत्री अमित शाह ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 14, 2024 09:36 AM2024-03-14T09:36:38+5:302024-03-14T09:44:57+5:30
गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए का विरोध कर रही ममता बनर्जी पर बेहद तीखा हमला करते हुए कहा कि तृणमूल प्रमुख को शरणार्थियों और घुसपैठियों के बीच अंतर नहीं पता है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कड़े विरोध के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बेहद तीखा हमला करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख को शरणार्थियों और घुसपैठियों के बीच अंतर नहीं पता है।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, "मैं ममता बनर्जी से अपील करना चाहता हूं कि वो सीएए को राजनीति का मंच न बनाएं। कृपया बांग्लादेश से आए बंगाली हिंदुओं का विरोध न करें। वो खुद भी बंगाली हैं। मैं उन्हें खुली चुनौती दे रहा हूं कि वो हमें बताएं कि सीएए अधिनियम में कौन सा खंड किसी की नागरिकता छीन रहा है। वह वोट के लिए लोगों के बीच सिर्फ डर पैदा कर रही है और हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा कर रही है।''
गृहमंत्री शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा, "आप राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं। लोग आपके साथ खड़े नहीं है। सच्चाई तो यह है कि ममता बनर्जी को शरणार्थियों और घुसपैठियों के बीच का अंतर नहीं पता है।"
दरअसल सीएए को लेकर हो रहे विवाद में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में सीएए को लागू नहीं होने देंगी। इसके साथ उन्होंने सीएए को लोकसभा चुनाव के लिए केंद्र सरकार की नौटंकी करार दिया था और कहा था कि लोग सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन न करें अन्यथा उनकी नागरिकता छीन जाएगी और वो "अवैध प्रवासियों" की श्रेणी में आ जाएंगे।
इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने वाले कानून पर आपत्ति जताने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी जमक निशाना साधा।
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के फैसले को "बहुत खतरनाक" बताते हुए कहा था कि सीएए देश के पक्ष में नहीं है। उन्होंने दावा किया था कि इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से अधिक से अधिक लोगों का पलायन भारत में होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जब इतनी बड़ी संख्या में लोग अचानक आएंगे तो उन्हें बसाने के लिए जगह की आवश्यकता होगी और इससे अराजकता की स्थिति पैदा होने की संभावना है। कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगा और चोरी, डकैती और बलात्कार जैसे अपराध में बढ़ोतरी हो सकती है।
गृहमंत्री अमित शाह ने आप संयोजक केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अगर केजरीवाल वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं तो उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल इस बात से अनजान हैं कि ये सभी लोग पहले ही हमारे देश में शरण ले चुके हैं। वे भारत में रह रहे हैं, हम उन्हीं लोगों को नागरिकता दे रहे हैं, जो 2014 तक हमारे देश में आ गए हैं और अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वो बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में बात क्यों नहीं करते? वो रोहिंग्याओं के खिलाफ विरोध क्यों नहीं करते? ऐसा इसलिए है क्योंकि वे वोट-बैंक की राजनीति कर रहे हैं। दिल्ली में चुनाव के दौरान उन्हें बहुत कठिन समय का सामना करना पड़ेगा। यही कारण है कि वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। क्या रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए हमारी नौकरियां नहीं ले रहे हैं? वह सिर्फ जैन, बौद्ध और पारसियों के अल्पसंख्यकों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।''
अमित शाह ने आगे कहा कि केजरीवाल को उन लोगों से कोई सहानुभूति नहीं है, जो अपने देशों में प्रताड़ित होकर भारत में शरण लिये हुए हैं।
उन्होंने कहा, "केजरीवाल देश के विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं। ये शरणार्थी अपनी लाखों की संपत्ति छोड़कर भारत में आए थे। हम उनकी समस्याएं क्यों नहीं सुनेंगे? उन्हें यहां नौकरी और शिक्षा नहीं मिलती है। हम उनके प्रति सहानुभूति क्यों नहीं व्यक्त करेंगे। आखिर देश को विभाजित करने का निर्णय उनका नहीं था। यह कांग्रेस ने निर्णय लिया था और उन्होंने उन्हें नागरिकता देने का वादा किया था। अब वे अपने वादों से पीछे हट रहे हैं।''