CAA: अमित शाह ने कहा- एक इंच पीछे नहीं हटेंगे, विजयन ने 11 गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
By भाषा | Published: January 4, 2020 05:11 AM2020-01-04T05:11:40+5:302020-01-04T05:11:40+5:30
शाह ने जोधपुर के कमला नेहरू नगर में सीएए के समर्थन में पार्टी के जनजागरण अभियान की शुरुआत करते हुए कांग्रेस पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर केंद्र एक इंच भी पीछे नहीं हटेगा। वहीं, नए कानून को लेकर बढ़ती सियासी कटुता के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के ‘‘राजदूत’’ हैं।
इस विवादित कानून के पक्ष और विपक्ष में देश के कई इलाकों में रैलियां होने के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 11 गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा कि वे सीएए को रद्द करने की मांग से जुड़ा विधेयक पारित करने के लिये उनके राज्य की विधानसभा का अनुकरण करें।
माकपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाए रखने के लिये देश में एकजुटता की जरूरत है। पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने भी शुक्रवार को इस कानून को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार का यह कदम ‘‘आत्मघाती गोल’’ है जिसने भारत को ‘‘अलग-थलग’’ कर लिया है और देश एवं विदेश में इसके विरुद्ध आवाज उठाने वालों की सूची ‘‘काफी लंबी’’ है।
शाह ने जोधपुर के कमला नेहरू नगर में सीएए के समर्थन में पार्टी के जनजागरण अभियान की शुरुआत करते हुए कांग्रेस पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
उन्होंने पार्टी नेता राहुल गांधी को चुनौती दी कि ‘‘अगर उन्होंने कानून पढ़ा है’’ तो वह बहस कर लें। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल बाबा, अगर आपने सीएए कानून पढ़ा है तो कहीं पर भी चर्चा करने के लिए आ जाओ और अगर नहीं पढ़ा है तो मैं इतालवी में इसका अनुवाद करके भेज देता हूं, उसको पढ़ लीजिये।’’
उन्होंने कहा कि तीन करोड़ों लोगों तक पहुंचने के लिये भाजपा शनिवार से अभियान शुरू कर रही है जिसके तहत देशभर में 500 रैलियां निकाली जाएंगी।
भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा संशोधित कानून को लेकर किये गए दुष्प्रचार के कारण पार्टी ने यह अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक सभा में उन्होंने कहा, ‘‘ये सारी की सारी पार्टियां एक हो जाएं ... भारतीय जनता पार्टी सीएए में एक इंच भी वापस नहीं होने वाली।’’ वहीं ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पूछा कि वह भारत की तुलना बार-बार पाकिस्तान से क्यों करते हैं। उन्होंने तंज कसते पूछा कि वह भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के राजदूत? बनर्जी ने सिलीगुड़ी में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा कि यह शर्म की बात है कि आजादी के 70 साल बाद भी लोगों को अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा, ‘‘भारत एक बड़ा देश है जिसकी संस्कृति एवं विरासत समृद्ध है। प्रधानमंत्री नियमित रूप से हमारे देश की तुलना पाकिस्तान से क्यों करते हैं? आप भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के राजदूत?
उन्होंने कहा, ‘‘आप हर मुद्दे पर पाकिस्तान का हवाला क्यों देते हैं? आपको (मोदी) हिंदुस्तान की बात करनी चाहिए। हम पाकिस्तान नहीं बनना चाहते। हम हिंदुस्तान से प्यार करते हैं।’’
मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस और उसके सहयोगियों को चुनौती दी थी कि वे बीते 70 सालों में पाकिस्तान में उसके अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार के बारे में आवाज क्यों नहीं उठाते। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी भारत में छाये आर्थिक संकट और बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए बार-बार पाकिस्तान की बात करते रहते हैं।
बनर्जी और गहलोत के अलावा विजयन ने ऐसा ही पत्र मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), हेमंत सोरेन (झारखंड), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र), नीतीश कुमार (बिहार), वाई एस जगनमोहन रेड्डी (आंध्र प्रदेश), कमल नाथ (मध्य प्रदेश), अमरिंदर सिंह (पंजाब), नवीन पटनायक (ओडिशा) और वी नारायणसामी (पुड्डुचेरी) को भी लिखा है।
भाजपा ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर कांग्रेस पर “दोहरे चरित्र और सुविधा वाली राजनीति” करने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दल के 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के घोषणा-पत्र का उल्लेख किया जिसमें पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के समग्र विकास का वादा किया गया था और जिसमें उनकी नागरिकता एवं पुनर्वास की बात भी शामिल थी।
भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने विपक्षी दल पर निशाना साधने के लिए कांग्रेस के घोषणा-पत्र का विवरण साझा किया। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एक बैठक में कहा कि वह केंद्र सरकार से “हाथ जोड़कर” अनुरोध करते हैं कि “विवादास्पद कानून” को वापस ले ले।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें इस कानून की कोई जरूरत नहीं, यह पूरी तरह से गैरजरूरी है। हम पाकिस्तान से आए दो करोड़ हिन्दुओं को कहां रखेंगे।” लेकिन केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून का विरोध करने वालों को ओबीसी और दलित विरोधी घोषित कर देना चाहिए। गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न के कारण वहां से आने वाले लोगों में ज्यादातर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दलित वर्ग से हैं। उन्हें सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएए लेकर आए हैं।
वहीं कांग्रेस ने शाह से कहा कि राजग के घटक और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सीएए को स्वीकार नहीं कर रहे लेकिन प्रधानमंत्री और वह विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘अमित शाह जी, मोदी जी और आपको देश की जनता ने काम करने के लिए प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री बनाया है। रोटी और रोजगार के लिए बनाया है। राहुल गांधी जी और विपक्षी नेताओं को गाली देने के लिए नहीं बनाया है।’’
सुरजेवाला ने एक ट्वीट कर कहा, ‘‘अब तो आपके अपने मित्र दल ही इस विभाजनकारी सीएए को नहीं मान रहे हैं। क्या हमें आपको हिंदी अनुवाद भेजना चाहिए।’’ वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भाजपा पर हिंदू वोट बैंक के ध्रुवीकरण की ‘‘गंदी’’ राजनीति करने का आरोप लगाया। येचुरी सीएए के खिलाफ माकपा द्वारा गुवाहाटी में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे।