Buxar Lok Sabha Seat 2024: 'भीतरी' बनाम 'बाहरी' की लड़ाई, मिथिलेश तिवारी के सामने सुधाकर सिंह, जानिए समीकरण और इतिहास
By एस पी सिन्हा | Published: March 26, 2024 11:01 AM2024-03-26T11:01:24+5:302024-03-26T11:02:47+5:30
Buxar Lok Sabha Seat 2024: 2015 में गोपालगंज के बैकुंठपुर विधानसभा से भाजपा के टिकट पर जीतकर विधायक रह चुके हैं।
Buxar Lok Sabha Seat 2024: बक्सर को बिहार का हॉट सीट माना जाता है, जहां भाजपा का दबदबा रहा है। यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे अश्विनी चौबे केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बनाये गए थे। अब भाजपा ने उन्हें बेटिकट कर दिया है और मिथिलेश तिवारी को यहां से उम्मीदवार बनाया है। पिछले दो चुनाव से यहां भाजपा का कमल खिलता रहा है। चौबे का टिकट काटकर मिथिलेश तिवारी को टिकट दिए जाने को लेकर कहा जा रहा है कि मिथिलेश तिवारी को शुरू से ही अश्विनी चौबे का वरदहस्त प्राप्त होता रहा है। मिथिलेश तिवारी की गिनती भाजपा के तेज तर्रार युवा नेता के रूप में होती रही है।
माना जा रहा है कि इन्हें चौबे के नजदीक रहने के कारण भी बक्सर का उम्मीदवार बनाया गया है। वैसे, मिथिलेश तिवारी के लिए बक्सर की रहा इतनी आसान भी नहीं है। कारण कि बक्सर के लोगों के लिए ये नाम सच में चौंकाने वाला था क्योंकि मिथिलेश तिवारी मूल रूप से गोपालगंज के रहने वाले हैं। विरोधी यहां की लड़ाई को 'भीतरी' और 'बाहरी' भी बनाने की तैयारी कर सकते हैं।
मिथिलेश तिवारी गोपालगंज जिला के बैकुंठपुर विधानसभा के डुमरिया गांव के रहने वाले हैं। फिलहाल वह भाजपा में प्रदेश महामंत्री हैं। जिनकी गिनती भाजपा के तेज तरह युवा नेता के रूप में होती रही है। 2015 में गोपालगंज के बैकुंठपुर विधानसभा से भाजपा के टिकट पर जीतकर विधायक रह चुके हैं।
राजनीतिक सफर की बात करें तो पहली बार गोपालगंज के कुचायकोट विधानसभा से 2005 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े। यहां बसपा के उम्मीदवार रहे अमरेंद्र उर्फ पप्पू पांडेय को जीत मिली और राजद प्रत्याशी रही किरण राय से भाजपा के मिथिलेश तिवारी को हार मिली।
इन सब के बीच आईपीएस सेवा से वीआरएस लेकर बक्सर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मन बना रहे आनंद मिश्रा को भी बड़ा झटका लगा है। बक्सर के लोग भी काफी हैरान हैं। लोगों को उम्मीद थी कि पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा को भाजपा अपना उम्मीदवार बना सकती है। इस बीच युवाओं ने कहा है कि इस बार बक्सर में बाहरी उम्मीदवार नहीं चलेगा।
इससे पहले बक्सर के दो बार सांसद रहे अश्विनी चौबे का भी संबंध भागलपुर से रहा है। इसी बीच आनंद मिश्रा ने कहा कि मेरी तो इच्छा थी कि मैं बक्सर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ूं और नरेंद्र मोदी के विजन को पूरा कर सकूं, लेकिन भाजपा की तरफ से टिकट नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि बक्सर की जनता अगर चाहेगी तो वह निर्दलीय चुनाव लडने के लिए तैयार हैं। मैं अपने लोगों के लिए आया था।
बक्सर के लिए जो सही होगा वही करूंगा। मैं हमेशा अपने लोगों के बीच रहूंगा। यहां के लिए काम करता रहूंगा। मिश्रा ने कहा कि मैंने जॉब छोड़ा कि काम करूंगा मुझे लगा कि मैं मोदी जी का सिपाही बन के विजन को धरातल पर उतारूंगा। लोग मुझे बक्सर का बेटा कहते हैं मैं वापस लौटकर नहीं जाउंगा। मैं पूरी तरीके से यहीं रहूंगा।
मिश्रा ने कहा कि मोदी जी विजन लेकर चले हैं, मेरा सपना उसके साथ होना था। काम करने की इच्छा प्रबल होनी चाहिए। बक्सर के लोग मेरे साथ हैं। बता दें कि बक्सर लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें ब्रह्मपुर, डुमरांव, बक्सर, राजपुर और कैमूर जिले का रामगढ़ और रोहतास जिले की दिनारा विधानसभा सीट शामिल है।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार अश्विनी चौबे ने राजद उम्मीदवार जगदानंद सिंह को हराया था। इस सीट पर तीसरे नंबर पर बसपा के सुशील कुमार सिंह रहे थे वहीं, चौथा नंबर नोटा का रहा था। उधर, बक्सर से भाजपा का टिकट मिलने पर मिथिलेश तिवारी ने खुशी जाहिर की और पार्टी आलाकमान को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि बक्सर की ऐतिहासिक और पवित्र धरती को सेवा करने का मौका मिला है, इसके लिए मैं पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं। ये मेरे लिए सुखद पल है, लिहाजा मैं पार्टी और पीएम मोदी की उम्मीदों पर खरा उतरुंगा। ये अदना-सा कार्यकर्ता आपके विश्वास को टूटने नहीं देगा।