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मुंबई और निकटवर्ती क्षेत्रों में बस सेवाएं प्रभावित, दुकानें बंद

By भाषा | Updated: October 11, 2021 22:36 IST

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मुंबई, 11 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में हिंसा में चार किसानों की मौत के विरोध में सोमवार को महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के तीन सहयोगी दलों के महाराष्ट्र बंद आह्वान का मिला-जुला असर रहा। पुणे एवं मुंबई जैसे बड़े शहरों में उसका प्रभाव नजर आया जबकि ग्रामीण एवं अर्धशहरी क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य रहा।

पथराव जैसी छिटपुट घटनाओं को छोड़कर बंद काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा। सत्तारूढ़ गठबंधन के तीन सहयोगियों -- शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने लखीमपुर खीरी घटना के विरोध में बंद का आह्वान किया था।

मुंबई में आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों के अलावा अन्य दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे। महानगर में पुलिस ने बंद के दौरान प्रदर्शन करने एवं कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने पर दो प्राथमिकी दर्ज की गयीं और 28 लोग गिरफ्तार किये गये लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि 200 से अधिक लोग हिरासत में लिये गये।

एमवीए के नेताओं ने दावा किया कि यह बंद ‘शत प्रतिशत’ सफल रहा। हालांकि भाजपा ने आरोप लगाया कि बंद सरकारी मशीनरी के जरिए थोपा गया।

बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) की बसों और कई पारंपरिक ‘काली-पीली कैब’ के सड़कों पर नहीं चलने के कारण लोकल ट्रेनों से यात्रा करने के लिए उपनगरीय रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ बढ़ गई।

अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र बंद के दौरान यहां कुछ स्थानों पर पथराव की घटनाओं के बाद बेस्ट बस सेवाएं सोमवार को मुंबई में बंद कर दी गईं।

बेस्ट के एक बयान के अनुसार तड़के धारावी, मानखुर्द, शिवाजी नगर, चारकोप, ओशिवरा, देवनार और इनऑर्बिट मॉल के पास करीब एक दर्जन बसें क्षतिग्रस्त हो गईं।

‘मुंबई टैक्सीमैंस यूनियन’ के महासचिव ए एल क्वाड्रोस ने कहा, ‘‘काली-पीली टैक्सियां चल रही हैं, लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। शहर के हवाई अड्डे के बाहर टैक्सी संचालन प्रभावित नहीं हुई है।’’

शहर में मेट्रो रेल सेवाएं भी सामान्य रूप से चल रही हैं। वैसे रेल अधिकारियों ने कहा कि उपनगरीय एवं बाहरी ट्रेनें बिना किसी रूकावट के चलीं।

सरकारी रेलवे पुलिस पुलिस के आयुक्त कैसर खालिद ने बताया कि ठाणे, मुलुंद और विखरोली में प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया।

बेस्ट प्रवक्ता ने कहा कि बेस्ट ने शाम करीब पौने सात बजे तक 1833 बसें चलायीं जबकि सामान्य दिनों में करीब 3000 बसें चलती हैं। लीज वाली एक निजी बस समेत 11 बसों को नुकसान पहुंचा।

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के अधिकारियों ने बताया कि मुंबई से अन्य स्थानों के लिए उसकी बसें निर्धारित समय के अनुसार चलीं।

उन्होंने कहा, ‘‘ निर्धारित 18,947 बस यात्राओं में बस 2885 यानी 15.23 प्रतिशत ही बंद के कारण रद्द की गयीं। ’’ उन्होंने बताया कि सबसे अधिक बुलढाणा वाली बसें रद्द कर गयी तथा लातूर एवं कोल्हापुर दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे।

इस बीच बेस्ट के यूनियन नेता शशांक राव ने दावा किय कि 70 प्रतिशत से अधिक कर्मी काम पर आये लेकिन प्रशासन ने सड़कों पर बसें नहीं जाने दी, और ‘ यह उन्हें ही पता होगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।’

बेस्ट की बसें नहीं चलने से यात्रियों को परेशानी हुई। कुछ यात्रियों ने ऑटोरिक्शा चालकों टैक्सी चालकों द्वारा ज्यादा किराया वसूलने का आरोप लगाया।

फैशन स्ट्रीट, नटराज मार्केट ,मनीष मार्केट, दादर मार्केट जैसे सभी बाजार बंद रहे। वहां बस मेडिकल एवं जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुली थीं।

प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अपनी पार्टी के सहयोगियों नवाब मलिक, सांसद सुप्रिया सुले और अन्य साथ दक्षिण मुंबई के हुतात्मका चौक पर प्रदर्शन किया। उनके हाथों में तख्तियां थीं और उन्होंने लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत को लेकर केंद्र एवं उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

शिवसेना ने भी बंद के समर्थन में प्रदर्शन किया। वैसे महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री पाटिल ने कहा कि आधी रात को बंद की शुरुआत हुई थी और उससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं था, उसे सत्तारूढ़ दलों ने आहूत किया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस बंद में जरूरी सेवाएं शामिल नहीं थीं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। तीन दलों ने बंद का आह्वान किया है। हमने बंद का आह्वान किया है और राज्य के लोग भी भाजपा सरकार से परेशान हैं। इसलिए वे हमारा साथ दे रहे हैं।’’

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘ हमें जो रिपोर्ट मिली है, उसके अनुसार बंद शत प्रतिशत सफल रहा। लोगों ने पूरे मन से बंद का समर्थन किया।’’

बंद के दौरान हिंसा की खबरों पर राउत ने कहा, ‘‘ दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन के दौरान ऐसी मामूली घटनाएं होती रहती हैं।

शिवसेना सांसद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें स्वयं से पूछना चाहिए कि क्या वे इस देश के नागरिक हैं और क्या वे किसानों के प्रति ऋणी नहीं हैं।

राउत ने कहा, ‘‘ यह राजनीतिक बंद नहीं है। यह किसानों के समर्थन में बुलाया गया बंद है। ’’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सभी ने पूरी ताकत से बंद में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि व्यापारी ‘गब्बर सिंह टैक्स ’ (जीएसटी) के दमन के विरोध स्वरूप बंद में हिस्सा ले रहे हैं।

विपक्षी भाजपा ने कहा कि किसानों के प्रति तीन दलीय सत्तारूढ़ गठबंधन की चिंता बस पाखंड है , और उसने सरकारी मशीनरी के जरिए बंद थोपा।

उसने दावा किया कि यह बंद उपमुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ राकांपा नेता अजीत पवार के रिश्तेदारों के परिसरों से आयकर के छापे से ध्यान बंटाने के लिए आयोजित किया गया।

विधानसभा के विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि यदि सरकार को सही में किसानों की इतनी चिंता है तो उसे पहले विदर्भ एवं मराठवाड़ा में बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचानी चाहिए।

मुंबई की जीवन रेखा समझी जाने वाली स्थानीय ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही हैं लेकिन वे खचाखच भरी नजर आयीं क्योंकि यात्रियों ने साधन नहीं मिलने पर ट्रेनों की ओर रूख किया।

शहर में बंद के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया था। इससे अलावा अतिरिक्त यातायात पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं।

सत्ताधारी गठबंधन सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं ने पोस्टर और बैनर लेकर ठाणे शहर, नवी मुंबई, कल्याण और वसई में मोर्चे निकाले और लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की हत्या के विरोध में नारे लगाए। स्थानीय नेताओं को कारोबारियों से अपनी दुकानें बंद रखने का अनुरोध करते देखा गया।

‘ठाणे स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन’ ने एक विज्ञप्ति जारी कर किसानों की हत्या किए जाने की निंदा की, लेकिन साथ ही कहा कि उद्योग एवं छोटे व्यापारी बंद के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि वे कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों के कारण पहले ही काफी नुकसान झेल चुके हैं।

ठाणे में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने उन ऑटोरिक्शा चालकों की पिटाई की, जो बंद का उल्लंघन कर यात्रियों को ले जा रहे थे। कई स्थानों पर पुलिस की उपस्थिति में प्रदर्शनकारियों ने जबरन दुकानें बंद करायीं।

ठाणे जिले के कल्याण शहर में स्थानीय शिवसेना नेताओं ने दुकानें एवं अन्य कारोबार जबर्दस्ती बंद कराये।

विदर्भ क्षेत्र में नागपुर समेत कई भागों में एमवीए दलों ने प्रदर्शन किया। क्षेत्र के नागपुर, गोंडिया, यवतमाल , बुलढाणा एवं अमरावती जिलो में स्कूल, बैंक, कई अन्य बाजार, मॉल खुले रहे एवं यातायात सामान्य रहा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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