बुरका विवाद: माथे पर टीका लगाकर पहुंचे छात्र को कॉलेज ने कैंपस में घुसने से रोका, बजरंग दल और श्री राम सेना ने किया विरोध
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 18, 2022 06:43 PM2022-02-18T18:43:39+5:302022-02-18T18:48:35+5:30
टीका विवाद में श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने कॉलेज प्रशासन पर जमकर हमला करते हुए कहा कि माथे पर लगाने वाला टीका धार्मिक प्रतीक नहीं है बल्कि यह इस देश की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
बेंगलुरु: शिक्षण संस्थाओं में मुस्लिम छात्राओं के द्वारा बुरका पहने जाने के मामले में पूरे देश में विवाद की स्थिति है। ऐसे में शुक्रवार को विजयपुरा जिले के इंडी में सरकारी पीयू कॉलेज में घटी एक घटना ने बुरका विवाद में घी डालने का काम किया है। जानकारी के मुताबिक पीयू कॉलेज में एक हिंदू लड़का कॉलेज में माथे पर टीका लगाकर प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था।
लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने उसे कर्नाटक हाईकोर्ट के द्वारा बुरका मामले में दिये गये अंतरिम आदेश का हवाला देते हुए कैंपस में प्रवेश देने से मना कर दिया।
कॉलेज प्रबंधन ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश का हवाला देते हुए लड़के से स्पष्ट तौर पर कहा कि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं को किसी भी धर्म से जुड़े परिधानों या प्रतीकों की पहनकर प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस मामले की जानकारी जैसे ही बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को हुई , उन्होंने कॉलेज के घेराव किया और प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। इस मामले में श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने कॉलेज प्रशासन पर जमकर हमला करते हुए कहा कि माथे पर लगाने वाला टीका धार्मिक प्रतीक नहीं है बल्कि यह इस देश की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। इन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि माथे पर लगाये जाने वाले टीके के संबंध में कर्नाटक शिक्षा विभाग की ओर से जारी सर्कुलर में बैन नहीं किया गया है।
प्रमोद मुतालिक ने घटना के संबंध में कर्नाटक सरकार से मांग की कि वह तत्काल मामले में एक्शन लें और संबंधित शिक्षकों से बर्खास्त करें। प्रमोद मुतालिक ने कहा कि बुरका के पक्ष में चल रहा आंदोलन एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है।
वहीं टीके प्रकरण में बेंगलुरु में शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि टीका एक "रूप सज्जा" है और इसका जारी किये गये ड्रेस कोड के सर्कुलर से कोई लेना-देना नहीं है। बीसी नागेश ने कहा, “हमने किसी भी छात्र या छात्रा को टीका या फूल लगाने के लिए मना नहीं किया है। यह सजावट के लिए है और इसका ड्रेस सर्कुलर से कोई लेना-देना नहीं है।"
बुरका विवाद के बीच कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसे संघ की साजिश बताया। दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि यह संघ परिवार के द्वारा पैदा किया गया एक अनावश्यक विवाद है।
सिद्धारमैया ने बुरका पहनने का बचाव करते हुए कहा, 'बुरका पहनने की परंपरा हाल में शुरू नहीं हुई थी। मुस्लिम समाज की औरते सदियों से इसे पहनती आ रही हैं। कुछ पहनते हैं और कुछ नहीं, यह उनकी निजी पसंद है।'