कोरोना के भय से डरे हुये हैं नौकरशाह लेकिन छोटे कर्मचारियों की दम पर चला रहे हैं उत्तर प्रदेश

By शीलेष शर्मा | Published: May 7, 2020 06:08 PM2020-05-07T18:08:18+5:302020-05-07T18:08:18+5:30

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी प्राधिकरण में कागज़ों पर आदेश तो खूब ज़ारी कर रहीं हैं लेकिन ज़मीनी निरिक्षण वे कहाँ कर रही हैं इसका किसी को कुछ भी पता नहीं।

Bureaucrats are scared of Corona but Uttar Pradesh is running on the strength of small workers | कोरोना के भय से डरे हुये हैं नौकरशाह लेकिन छोटे कर्मचारियों की दम पर चला रहे हैं उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री जो भाषा बोलते हैं उसकी स्क्रिप्ट भी नौकरशाहों द्वारा तैयार की गयी होती है। (फाइल फोटो)

Highlightsपॉवर सप्लाई जो आवश्यक सेवा में आता है के अधिकारी भी कोरोना संक्रमण से घबराये हुये हैं।आपात स्थिति में उनके फ़ोन या बंद होते हैं अथवा घंटी बजती रहती है और उठते नहीं।

नयी दिल्ली: कोरोना महामारी के समय देश का सबसे बड़ा आबादी वाला प्रदेश उत्तर प्रदेश राम भरोसे चल रहा है, कोरोना की जंग कैसे लड़ी जाये, इसके लिये क्या रणनीति हो, यह जिम्मेदारी प्रदेश के मुठ्ठी भर आईएएस अधिकारीयों को सौंप कर सत्तारूढ़ दल के जन प्रतिनिधि और सूबे के मंत्री पूरी तरह गायब है, ले दे कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चेहरा नज़र आ जाता है लेकिन सूत्रों का दावा था कि मुख्यमंत्री जो भाषा बोलते हैं उसकी स्क्रिप्ट भी नौकरशाहों द्वारा तैयार की गयी होती है। 

प्रदेश में बने इस माहौल से नीचे के सरकारी कर्मचारी किसी काम को हाथ लगाने से कतरा रहे है। लोकमत ने जब ऐसे ही एक युवा सरकारी कर्मचारी से बात की तो उसने अपने महकमे में तैनात महिला आईएएस अधिकारी का आदेश दिखाया और खुलासा किया कि आईएएस अधिकारी आदेश लिखा कर ज़ारी करा देते हैं और नीचे के कर्मचारियों को ज़मीन पर काम करने को छोड़ देते हैं।

यह पूछे जाने पर कि ऐसा क्या है जो वरिष्ठ अधिकारी ज़मीन पर उतरने को तैयार नहीं ,इस युवक का जबाब चौकाने वाला था ,उसने कहा इनको कोरोना होने का डर है जो इनको लोगों के बीच जाने से रोक रहा है। पलटवार करते हुए उसने सवाल किया कि क्या हमारी जान को कोरोना से खतरा नहीं। 

यह तो उत्तर प्रदेश की बानगी है ,पिछले ही दिनों मुख्यमंत्री ने इन्ही हालातों के कारण नोएडा के कलैक्टर को हटा कर एक युवा डीएम को कार्य भार सौंपा था। नोएडा की बात करें तो कुछ चुनिंदा इलाकों को कोरोना पॉजिटिव मरीज़ मिलने पर कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया परन्तु अपनी मशक्कत बचाने के लिये पूरे नोएडा को बंद कर दिया गया ,गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार उन्हीं इलाकों को प्रतिबंधित किया जाय जहाँ कोरोना के मरीज़ हैं लेकिन सेक्टरों में बांटे पूरे नोएडा का हाल बेहाल है। 

पॉवर सप्लाई जो आवश्यक सेवा में आता है के अधिकारी भी कोरोना संक्रमण से घबराये हुये हैं,आपात स्थिति में उनके फ़ोन या बंद होते हैं अथवा घंटी बजती रहती है और उठते नहीं ,इस विभाग की ज़िम्मेदारी भी लाईन मैन जैसे छोटे कर्मचारी जोख़िम उठा कर निभा रहे हैं।

नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी प्राधिकरण में कागज़ों पर आदेश तो खूब ज़ारी कर रहीं हैं लेकिन ज़मीनी निरिक्षण वे कहाँ कर रही हैं इसका किसी को कुछ भी पता नहीं। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि क्षेत्र सांसद और विधायक कहाँ गुम है ,उनकी कोई भूमिका है भी कि नहीं किसी को कुछ भी पता नहीं, एक विधेयक तो रसूखदार  केंद्रीय मंत्री के पुत्र हैं और सांसद मोदी सरकार में पिछले दिनों मंत्री रह चुके हैं। इन जन प्रतिनिधियों की बिडंबना यह है की पूरा प्रदेश नौकरशाहों के इशारों पर चल रहा है जिसने राजनीतिज्ञों को किनारे रख दिया है। 
 

Web Title: Bureaucrats are scared of Corona but Uttar Pradesh is running on the strength of small workers

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