नौकरशाही ने निष्क्रियता विकसित की है, हर चीज अदालत के भरोसे छोड़ना चाहती है : उच्चतम न्यायालय

By भाषा | Updated: November 17, 2021 16:10 IST2021-11-17T16:10:29+5:302021-11-17T16:10:29+5:30

Bureaucracy has developed inaction, wants to leave everything to court: Supreme Court | नौकरशाही ने निष्क्रियता विकसित की है, हर चीज अदालत के भरोसे छोड़ना चाहती है : उच्चतम न्यायालय

नौकरशाही ने निष्क्रियता विकसित की है, हर चीज अदालत के भरोसे छोड़ना चाहती है : उच्चतम न्यायालय

नयी दिल्ली,17 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने अकर्मण्यता को लेकर नौकरशाही की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि उसने ‘निष्क्रियता’ विकसित की है और कोई फैसला नहीं करना चाहती तथा वह हर चीज अदालत के भरोसे छोड़ना चाहती है। न्यायालय ने कहा, ‘‘यह उदासीनता और सिर्फ उदासीनता है।’’

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘‘काफी समय से मैं यह महसूस कर रहा हूं कि नौकरशाही में एक तरह की निष्क्रियता विकसित हो गई है। वह कोई निर्णय लेना नहीं चाहती । किसी कार को कैसे रोकें, किसी वाहन को कैसे जब्त करें, आग पर कैसे काबू पाएं, यह सब कार्य इस अदालत को करना है। हर काम हमें ही करना होगा। यह रवैया अधिकारी वर्ग ने विकसित किया है।’’

शीर्ष अदालत ने वायु प्रदूषण से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान नौकरशाही के रवैये पर यह टिप्पणी की। यह याचिका पर्यावरण कार्यकर्ता आदित्य दुबे और विधि के छात्र अमन बंका ने दायर की है। इस याचिका में छोटे और सीमांत किसानों को मुफ्त में पराली हटाने की मशीन मुहैया करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

पीठ ने कहा कि वायु प्रदूषण पर केंद्र की बैठक मंगलवार को हुई। न्यायालय ने कहा कि क्या वे बैठक में की गई चर्चा का सार तैयार नहीं कर सकें कि ‘‘ये सब निर्देश हमने जारी किये हैं ताकि अदालत के बहुमूल्य समय को बचाया जा सके। ’’

सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने एक काल्पनिक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘एक राजा ने एक बार फैसला किया कि कोई भी भूखा नहीं सोएगा। एक घुड़सवार सो रहा था, अधिकारियों ने उसे जगाया और पूछा कि क्या वह भूखा है। जब घुड़सवार ने कहा कि हां मैं भूखा हूं, तब उसे सोने नहीं दिया गया। इस तरह, किसी को भी सोने की अनुमति नहीं दी गई। ’’

उन्होंने कहा कि उनका यह कथन किसी व्यक्ति के प्रति बगैर किसी राग द्वेष के हल्के-फुल्के अंदाज में है।

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Web Title: Bureaucracy has developed inaction, wants to leave everything to court: Supreme Court

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