नई दिल्ली: एक साल के अंदर दो बाद दक्षिणपंथी असामाजिक तत्वों द्वारा मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी कराने का मामला सामने आने के बाद शनिवार देर रात सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा है कि बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले को ब्लॉक कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है.
मंत्री का यह संदेश शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की एक शिकायत के जवाब में था, जिन्होंने कल वैष्णव को टैग करते हुए उन्हें बड़े पैमाने पर महिलाओं के खिलाफ नफरत फैलाने और उन्हें सांप्रदायिक तौर पर निशाना बनाने के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था।
मंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि गिटहब ('बुली बाई' ऐप बनाने और चलाने के लिए उपयोग किया गया माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाला सॉफ़्टवेयर-शेयरिंग प्लेटफॉर्म) ने आज सुबह ही उपयोगकर्ता को ब्लॉक करने की पुष्टि की। सीईआरटी (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम) और पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई का समन्वय कर रहे हैं।
इसके बाद चतुर्वेदी ने ट्वीट कर उनका धन्यवाद दिया लेकिन कहा कि इस मामले में और अधिक कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
वहीं, चतुर्वेदी के अनुरोध पर मुंबई पुलिस पहले ही इस मामले पर जांच शुरू कर चुकी है।
वहीं, पत्रकार इस्मत आरा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस भी एक जांच शुरू कर चुकी है. आरा ने पाया था कि इस ऐप पर उनका भी नाम था.
बुल्ली बाई ऐप पिछले साल सामने आए सुल्ली ऐप का ही दूसरा रूप लगता है जिसमे सुल्ली शब्द का इस्तेमाल दक्षिणपंथी और चरमपंथी विचारधारा के लोग मुस्लिम महिलाओं के लिए करते हैं।
दोनों ही मामलों में महिलाओं की कोई वास्तविक नीलामी नहीं हो रही थी लेकिन इसका उद्देश्य चुनिंदा मुस्लिम महिलाओं को अपमानित, शर्मिंगा और प्रताड़ित करना था।
आरा ने ट्वीट कर कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है। बेशक यह साफ तौर पर पता चल जाता है कि 'सुल्ली' सौदों के इस नए संस्करण में केवल मुझे ही निशाना नहीं बनाया जा रहा है। आज सुबह एक मित्र द्वारा भेजा गया स्क्रीनशॉट।
वहीं, चर्चित रेडियो जॉकी सायमा लिखती हैं कि आपत्तिजनक 'बुल्ली बाई' में 'सुल्ली डील' के समान मेरे सहित कई मुस्लिम नाम हैं। यहां तक कि नजीब की मां को भी नहीं बख्शा गया है. यह भारत की टूटी-फूटी न्याय व्यवस्था, जर्जर कानून-व्यवस्था का प्रतिबिंब है। क्या हम महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बनते जा रहे हैं?
विपक्षी नेताओं ने भी भयावह ऐप और इसे बनाने वालों की निंदा की है और सरकार को इस तरह की आपराधिक कार्रवाइयों के खिलाफ बिना देर किए सजा देने के लिए कहा है।
बता दें कि, इससे पहले दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पुलिस द्वारा 'सुल्ली डील्स' ऐप को लेकर दो प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई।