वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि कृषि बाजारों को उदार बनाने की जरूरत है और सरकार किसानों को भरपूर समर्थन देने का प्रस्ताव कर रही है।
वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए, सीतारमण ने कहा कि सरकार, खेती को बढ़ावा देने और किसानों के कल्याण के लिए 16-सूत्रीय कार्य योजना का प्रस्ताव कर रही है। सीतारमण ने कहा कि कृषि सेवाओं को भारी मात्रा में निवेश की जरूरत है और उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री आवास बीमा योजना के तहत 6.11 करोड़ किसानों का बीमा कराया है। उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ भी हम करते हैं, वह बजट में दिखता है, जो कुछ भी सरकार करती है वह देश के लिए होता है।’’
सरकार की दीर्घकाल में सभी आयकर छूट समाप्त करने की योजना: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार का इरादा दीर्घकाल में सभी प्रकार की छूट को समाप्त करना है। उन्होंने बजट में कर छूट और कटौती का लाभ छोड़ने वालों को आयकर की दरों में कटौती की घोषणा के बाद यह बात कही।
लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर में कटौती से पहले पिछले साल सितंबर में कंपनी कर में कटौती की गयी थी। मंत्री ने यह भी कहा कि जब भी जरूरत होगा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध करायी जाएगी।
हालांकि उनके बजट भाषण में इस अतिरिक्त पूंजी के बारे में कोई ठोस राशि का उल्लेख नहीं किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह में सुधार के मद्देनजर अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जो चालू वित्त वर्ष में 3.8 प्रतिशत रह सकता है।
विनिवेश सचिव टी के पांडे ने कहा कि अगले कुछ महीनों में बड़ी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री होगी और उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिये 2.10 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है। उन्होंने कहा कि भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. (बीपीसीएल) में सरकार की हिस्सेदारी बेचे जाने के लिये रूचि पत्र जल्दी ही जारी किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में बीपीसीएल में हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी थी।