बजट 2019: सीबीडीटी ने कहा- निराश ना हो टैक्सपेयर्स, हर बजट में नहीं दे सकते राहत
By स्वाति सिंह | Published: July 6, 2019 01:46 PM2019-07-06T13:46:30+5:302019-07-06T13:46:30+5:30
वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में आम आयकरदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन अमीरों को अब अपनी आय पर अधिक आयकर चुकाना होगा।
आम बजट के बाद केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने टैक्सपेयर्स को निराश नहीं होने को कहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा 'आम बजट को देखकर करदाताओं को दुखी होने की जरूरत नहीं है। हमने अंतरिम बजट में करदाताओं को छूट दी थी। इसके बाद इतने कम समय में हम बदलाव नहीं कर सकते। हर बजट में करदाताओं को कर राहत देना संभव नहीं है।'
बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में आम आयकरदाताओं के लिए कर स्लैब में बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन अमीरों को अब अपनी आय पर अधिक आयकर चुकाना होगा।
Pramod Chandra Mody,Chairman Central Board of Direct Taxes(CBDT) on #Budget2019 : Tax payers don't need to be unhappy. We gave tax rebate in interim budget to the tax payers. It's not possible to give tax relief to tax payers successively in every budget in such a short period. pic.twitter.com/gZfOxhQ6kW
— ANI (@ANI) July 6, 2019
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए दो करोड़ रुपये से लेकर पांच करोड़ रुपये तक कम की सालाना व्यक्तिगत आय पर 25 प्रतिशत अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया है। वहीं पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 37 प्रतिशत का अधिभार देना होगा।
मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब
इनकम टैक्स
250000 रुपये तक NIL
250000 से 500000 रु. 5%
500001 से 1000000 रु. 20%
1000000 रु. से अधिक 30 %
अंतरिम बजट 2019 में पीयूष गोयल ने 40,000 तक ब्याज से होने वाली इनकम पर टैक्स नहीं लगाने का ऐलान किया था। जिससे पोस्ट ऑफिस और बैंक में पैसा जमा करने वाले लोगों को ब्याज छूट मिली थी। इससे पहले ब्याज पर इनकम टैक्स छूट की सीमा मात्र 10,000 रुपए थी।
80 सी के तहत नहीं बढ़ी थी टैक्स छूट की सीमा
केंद्र सरकार ने 80 सी के तहत टैक्स छूट की सीमा को पुराने स्तर यानी 1.5 लाख रुपए पर ही बनाए रखा था।