नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट आज संसद में पेश किया जाएगा। यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। निर्मला सीतरमण ने इस बार से बजट पेश करने की परंपरा बदल दी है। इस बार वो ब्रीफकेस की जगह लाल कपड़े में लिपटी बजट की कॉपी लेकर मीडिया के सामने आई हैं। अमूमन बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री एक ब्रीफकेस लेकर संसद पहुंचते थे।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के लिए रवाना हुईं। इससे पहले वे मीडिया के सामने लाल कपड़े में लिपटी बजट की कॉपी के साथ मीडिया के सामने आईं। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट की कॉपी के ब्रीफकेस की बजाय लाल कपड़े में रखे होने की बात पर कहा- यह भारतीय परंपरा है। यह हमारे पश्चिमी सोच की गुलामी से दूर जाने का संकेत देता है। यह बजट नहीं 'बही-खाता' है।
लोकसभा में आम बजट पर चर्चा 8 जुलाई को हो सकती है। बजट किसी भी सरकार के कामकाज के लिए सबसे अहम होता है। सरकार अपने प्रस्ताव पर बिना संसद की मंजूरी लिये एक पैसे खर्च नहीं कर सकती। साथ ही बजट सरकार की भविष्य की योजनाओं की भी एक तस्वीर सामने रखती है।
जट-2019 से क्या है उम्मीदें
बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है।साथ ही राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से कर लगाया जा सकता है। नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी। फिलहाल 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी ने 75 वादों से लैस एक संकल्प पत्र जारी किया था। उम्मीद है कि मोदी सरकार इस बजट में संकल्प पत्र के कुछ वादों को पूरा करने की ओर कदम बढ़ा सकती है।