सर्वदलीय बैठक में बसपा ने उठाया जातीय जनगणना का मुद्दा, पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी-कांग्रेस दोनों को घेरा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: December 2, 2023 16:24 IST2023-12-02T16:21:49+5:302023-12-02T16:24:24+5:30
बैठक में बसपा की तरफ से उठाई गई जातीय जनगणना की मांग का जिक्र करते हुए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद के आगामी 4 दिसम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की माँग पुनः की गयी।

बसपा सुप्रीमो मायावती
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र से पहले शनिवार, 2 दिसंबर को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में बसपा ने सरकार से जातीय जनगणना कराने की मांग की। सर्वदलीय बैठक संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुलाई थी और इसकी अध्यक्षता राजनाथ सिंह ने की। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
बैठक में बसपा की तरफ से उठाई गई जातीय जनगणना की मांग का जिक्र करते हुए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद के आगामी 4 दिसम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की माँग पुनः की गयी। अब जबकि इसकी माँग देश के कोने-कोने से उठ रही है, केन्द्र सरकार द्वारा इस बारे में अविलम्ब सकारात्मक कदम उठाना जरूरी है।
मायावती ने एक्स पर लिखा, "महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था से त्रस्त व जातिवादी शोषण-अत्याचार से पीड़ित देश के लोगों में जातीय जनगणना के प्रति जो अभूतपूर्व रुचि/जागरूकता है वह भाजपा की नींद उड़ाए है तथा कांग्रेस अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त।"
1. संसद के आगामी 4 दिसम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की माँग पुनः की गयी। अब जबकि इसकी माँग देश के कोने-कोने से उठ रही है, केन्द्र सरकार द्वारा इस बारे में अविलम्ब सकारात्मक कदम उठाना जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) December 2, 2023
उन्होंने आगे कहा, "वैसे विभिन्न राज्य सरकारें ’सामाजिक न्याय’ की दुहाई देकर आधे-अधूरे मन से जातीय जनगणना कराकर जनभावना को काफी हद तक साधने का प्रयास कर रही हैं, किन्तु इसका सही समाधान तभी संभव है जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर सही जातीय जनगणना कराकर लोगों को उनका हक देना सुनिश्चित करेगी।"
2.महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था से त्रस्त व जातिवादी शोषण-अत्याचार से पीड़ित देश के लोगों में जातीय जनगणना के प्रति जो अभूतपूर्व रुचि/जागरूकता है वह भाजपा की नींद उड़ाए है तथा कांग्रेस अपने अपराधों पर पर्दा डालने में व्यस्त।
— Mayawati (@Mayawati) December 2, 2023
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होगा और यह 22 दिसंबर तक चलेगा जिसमें 15 बैठकें होंगी। इस सत्र में औपनिवेशिक काल के आपराधिक कानूनों के स्थान पर तीन विधेयक लाने सहित प्रमुख विधेयकों के मसौदे पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। संसद में 37 विधेयक लंबित हैं, इनमें 12 विधेयक इस शीतकालीन सत्र में पारित हो सकते हैं। इनमें आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को बदलने वाले विधेयक भी शामिल हैं। इनके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक पर भी इस शीतकालीन सत्र में चर्चा हो सकती है।