Uttar Pradesh Zilla Panchayat elections: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने घोषणा की कि बसपा जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं लड़ेगी।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कार्यकर्ताओं को अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहना चाहिए। इसके अलावा, मायावती ने कहा कि जिला पंचायत चुनाव व्यर्थ हैं क्योंकि यह "अनुचित" है, बहुत सारे "धांधली" का आरोप लगाया। पार्टी यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेगी।
इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं को पंचायत चुनावों में अपना समय और ऊर्जा बर्बाद किए बिना 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए। मायावती ने कहा कि ये चुनाव निष्पक्ष नहीं हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे इस चुनाव में अपना समय और ताकत लगाने के बजाय पार्टी को मजबूत बनाने और सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में लगाएं।
चुनाव की तैयारी में जुटे
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो अधिकांश ज़िला पंचायत अध्यक्ष खुद ही बसपा में शामिल हो जाएंगे। गौरतलब है कि शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव होने हैं। मायावती ने कहा कि विपक्षी दल अफवाह फैला रहे हैं कि बसपा वर्ष 2022 के विधान सभा चुनावों को लेकर सक्रिय नहीं है, जबकि सच्चाई यह है कि वह स्वयं और पार्टी कार्यकर्ता पिछले साल से ही इन चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं, अकेले लड़ेगी बसपा : मायावती
मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ गठबंधन से इनकार करते हुए रविवार को दावा किया कि दोनों राज्यों में अगले वर्ष के प्रारंभ में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
बसपा प्रमुख ने रविवार को ट्वीट के जरिये अपनी प्राथमिकता जाहिर की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मीडिया के एक न्यूज चैनल में कल से यह खबर प्रसारित की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा आम चुनाव ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और बीएसपी मिलकर लड़ेगी। यह खबर पूर्णतः गलत, भ्रामक व तथ्यहीन है। इसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है तथा बसपा इसका जोरदार खंडन करती है।’’
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘वैसे इस सम्बन्ध में पार्टी द्वारा फिर से यह स्पष्ट किया जाता है कि पंजाब को छोड़कर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले वर्ष के प्रारंभ में होने वाले विधानसभा चुनाव बसपा किसी भी पार्टी के साथ कोई भी गठबन्धन करके नहीं लड़ेगी अर्थात् अकेले ही लड़ेगी।’’
एससी मिश्र से सही जानकारी जरूर प्राप्त कर लें
उन्होंने कहा, ‘‘बसपा के बारे में इस किस्म की मनगढ़न्त व भ्रमित करने वाली खबरों को खास ध्यान में रखकर ही अब बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद सतीश चन्द्र मिश्र को पार्टी की मीडिया सेल का राष्ट्रीय संयोजक बना दिया गया है। साथ ही मीडिया से भी यह अपील है कि वह बहुजन समाज पार्टी और पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष आदि के सम्बन्ध में इस किस्म की भ्रमित करने वाली अन्य कोई भी गलत खबर लिखने, दिखाने व छापने से पहले एससी मिश्र से उस सम्बंध में सही जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।’’
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष बिहार के विधानसभा चुनाव में बसपा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और एआईएमआईएम के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था जिसमें सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी शामिल हुई थी।
अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर तले सुभासपा और एआईएमआईएम ने गठबंधन किया है और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ दलों को एकजुट करने की मुहिम चला रहा रहे हैं। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अभी हाल में यह दावा किया था कि वह भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का प्रयास कर रहे हैं।