कर्नाटकः येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ, आज 9 बजे होगा शपथ ग्रहण समारोह
By आदित्य द्विवेदी | Published: May 17, 2018 06:30 AM2018-05-17T06:30:37+5:302018-05-17T06:30:37+5:30
कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा की शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इस मसले पर शुक्रवार सुबह 10.30 बजे अगली सुनवाई होगी।
नई दिल्ली, 17 मईः देश की सर्वोच्च अदालत ने बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। येदियुरप्पा गुरुवार सुबह 9 बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करेंगे। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक फिलहाल मुख्यमंत्री अकेले शपथ ग्रहण करेंगे। 15 दिनों में अगर बहुमत साबित करने में सफल रहते हैं तो पूरी कैबिनेट शपथ ग्रहण करेगी। इससे पहले येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर गृहण लगना शुरू हो गया था जब राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। रात 2 बजे से तड़के 5.15 बजे तक सुनवाई करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार सुबह 10.30 बजे इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा।
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कर्नाटक में बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा का शपथ ग्रहण बिल्कुल सादा समारोह होगा। अन्य बीजेपी शासित राज्यों के शपथ ग्रहण की तरह यहां प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों का जमावड़ा नहीं होगा। यहां तक कि फिलहाल कैबिनेट का कोई मंत्री भी शपथ ग्रहण नहीं करेगा। उन्हें राज्यपाल वजुभाई वाला पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।
Good Morning Karnataka!
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) May 16, 2018
In a few hours from now, Sri @BSYBJP will be sworn in as Chief Minister as per your wishes.
While we will start a golden chapter in the history of Karnataka, the people of India, like the SC, will reject Congress's mercy petition.#DemoracyWins
सरकार बनाने के लिए बी एस येदियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला के आमंत्रण पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने कहा कि कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच सिर्फ ‘बीजेपी को सत्ता से दूर रखने’ की सहमति बनी है।राज्यपाल के आमंत्रण पर उन्होंने कहा , ‘‘हमने अपना दावा पेश किया है... सबसे बड़ा दल होने के नाते हम जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं और सरकार बनाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं। ’’ उन्होंने कहा कि जब भी खंडित जनादेश आया है, भाजपा ने हमेशा मूल लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन किया है।
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गौरतलब है कि 15 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे जिसमें बीजेपी बहुमत से थोड़ा पीछे 104 सीटों पर सिमट गई थी। कांग्रेस को 78 और जेडीएस+ को 38 सीटें मिली थी। बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने के लिए 112 सीटों की जरूरत है। कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन करके सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लेकिन सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने का आमंत्रण भेजा और बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया। इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस आधी रात को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।