बिहार में बिना किसी आवश्यकता के बना दिए गए पुल, विधानसभा में पेश हुई सीएजी की रिपोर्ट में हुए कई खुलासे

By एस पी सिन्हा | Updated: March 25, 2025 18:56 IST2025-03-25T18:56:08+5:302025-03-25T18:56:08+5:30

रिपोर्ट में पुल ध्वस्त होने को लेकर भी बिहार सरकार पर सवाल उठे हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बिना किसी आवश्यकता के पुल बना दिए गए। पर्याप्त बसावट और जमीन की कमी के बावजूद पुल निर्माण पर 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 

Bridges were built in Bihar without any need, many revelations were made in the CAG report presented in the assembly | बिहार में बिना किसी आवश्यकता के बना दिए गए पुल, विधानसभा में पेश हुई सीएजी की रिपोर्ट में हुए कई खुलासे

बिहार में बिना किसी आवश्यकता के बना दिए गए पुल, विधानसभा में पेश हुई सीएजी की रिपोर्ट में हुए कई खुलासे

पटना:बिहार विधानसभा में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सीएजी की रिपोर्ट को सदन पटल पर रखा। उन्होंने भारत के संविधान के अनुच्छेद 151(2) के तहत, भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा बिहार सरकार के 31 मार्च 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2021-22 का प्रतिवेदन सदन की मेज पर रखा। इसे सर्वसम्मति से सदन में पारित किया गया। 

वहीं, सीएजी की रिपोर्ट में बिहार सरकार की लापरवाही को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में पुल ध्वस्त होने को लेकर भी बिहार सरकार पर सवाल उठे हैं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बिना किसी आवश्यकता के पुल बना दिए गए। पर्याप्त बसावट और जमीन की कमी के बावजूद पुल निर्माण पर 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 

पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में एक तरफ सड़क और पुल दोनों बने, लेकिन दूसरी ओर जमीन और गांव उपलब्ध नहीं थे। बाढ़ के घोसवरी प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव से कुम्हरा गांव तक सड़क बनाने के लिए 8.03 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किया गया। 

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि ग्रामीण कार्य विभाग ने बसावटों में भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना पुलों का निर्माण कराकर 3.33 करोड़ रुपए का निष्क्रिय व्यय किया है। सीमावर्ती इलाकों में स्मार्ट गांव बनाने की योजना भी सफल नहीं हो पाई। 6 या उससे अधिक गांवों से घिरे आबादी वाले गांवों को पूरी तरह से विकसित करना था, लेकिन केंद्र की यह योजना बिहार में सफल नहीं हो सकी। 

उल्लेखनीय है कि स्मार्ट विलेज की जगह वाइब्रेंट विलेज योजना पर काम चल रहा है, मगर बिहार में वाइब्रेंट विलेज को डेवलप करने में केंद्र सरकार का अनुसरण नहीं किया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत होने वाले निर्माण में भी भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार बिहार में नीरा उत्पादन में भारी अनियमितताएं पाई गईं। बिना तैयारी के नीरा परियोजना शुरू की गई, जिसके कारण 11.68 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। नीरा गुड़ उत्पादन में भी 2.03 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।

Web Title: Bridges were built in Bihar without any need, many revelations were made in the CAG report presented in the assembly

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :BiharCAGबिहार