अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण ताकत बन गए हैं ब्रिक्स देश: शी
By भाषा | Published: September 9, 2021 10:32 PM2021-09-09T22:32:54+5:302021-09-09T22:32:54+5:30
(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, नौ सितंबर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बृहस्पतिवार को कहा कि ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण ताकत बन गए हैं जिन्हें नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
शी ने साथ ही आम चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एक करीबी और अधिक परिणाम-उन्मुखी साझेदारी बनाने के वास्ते सदस्य देशों के बीच सहयोग को गहरा करने का आह्वान किया।
शी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 15 वर्षों में पांच देशों ने खुलेपन, समग्रता और समानता की भावना में रणनीतिक संचार और राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है, एक दूसरे की सामाजिक व्यवस्था एवं विकास पथ का सम्मान किया है तथा देशों के लिए एकदूसरे के साथ संवाद के लिए अच्छे तरीके तलाशे हैं।
शी ने कहा कि पांचों सदस्य देशों ने विकास नीतियों के बीच तालमेल का प्रयास करते हुए व्यावहारिकता, नवाचार और परस्पर सहयोग की भावना से सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में ठोस प्रगति की है और विकास की साझा यात्रा पर आगे बढ़े हैं।
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी ने इस बात पर दिया कि ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण ताकत बन गए हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) ने बहुपक्षवाद का समर्थन किया है और समानता, न्याय और परस्पर सहायता की भावना से वैश्विक शासन में भाग लिया है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने शी के हवाले से कहा, ‘‘जो कुछ हुआ है, उससे पता चलता है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम ब्रिक्स सहयोग में सहज, ठोस और निरंतर प्रगति कर सकते हैं।’’
शी ने ब्रिक्स ब्लॉक के भीतर व्यावहारिक सहयोग के लिए पांच प्रस्ताव रखे, जिसमें एकता को मजबूत करना शामिल है। शी ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में ब्रिक्स देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे संकल्पित रहें, एकता को मजबूत करें और व्यावहारिक सहयोग की गुणवत्ता को और बढ़ाएं।
शी के पांच प्रस्तावों में एकजुटता की भावना से सार्वजनिक स्वास्थ्य सहयोग को मजबूत करना- टीकों तक सभी की समान पहुंच की भावना में टीकों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना- पारस्परिक लाभ की भावना में आर्थिक सहयोग को मजबूत करना- निष्पक्षता और न्याय की भावना से राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना-परस्पर सीखने की भावना में लोगों के बीच आदान प्रदान को मजबूत करना शामिल है।
शी ने यह भी घोषणा की कि चीन 2021 के अंत तक विकासशील देशों को कोविड-19 रोधी टीकों की 10 करोड़ और खुराक दान करेगा।
चीन अगले साल ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा और 2022 में समूह के 14वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
शी ने कहा कि चीन सभी क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने, आम चुनौतियों का सामना करने के वास्ते अधिक परिणाम-उन्मुखी साझेदारी बनाने और बेहतर भविष्य बनाने के लिए ब्रिक्स भागीदारों के साथ काम करने को तत्पर है।
13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। इस वर्ष भारत तब ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है।
ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देश हर साल शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं और इसके सदस्य देश बारी बारी से इसकी अध्यक्षता संभालते हैं। भारत इस साल ब्रिक्स का अध्यक्ष है।
इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा भी शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि इस बार शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु ‘‘ निरंतरता, एकजुटता और सहमति के लिए अंतर-ब्रिक्स सहयोग’ है।
प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी।
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