BPSC Exam Protest: राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिले सांसद पप्पू यादव?, बीपीएससी अध्यक्ष को किया तलब, वामदलों ने कराया बिहार बंद
By एस पी सिन्हा | Updated: December 30, 2024 17:31 IST2024-12-30T17:30:37+5:302024-12-30T17:31:22+5:30
BPSC Exam Protest: पप्पू यादव ने कहा कि राज्यपाल ने सामने ही आयोग के अध्यक्ष से बात की। बीपीएससी अध्यक्ष और राज्यपाल की प्वाइंट टू प्वाइंट बातचीत हुई है।

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BPSC Exam Protest: 70 वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर रविवार की देर शाम पुलिस के द्वारा किए गए लाठीचार्ज को लेकर बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने सोमवार को बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने मुख्य सचिव से भी मुलाकात कर छात्रों की मांगों को रखी। वहीं, राज्यपाल से मिलने के बाद पप्पू यादव ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि छात्रों की मांग को लेकर बात हो गई है। जल्द ही निदान होगा। उन्होंने कहा कि बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों को उन्होंने राज्यपाल के सामने रखा है। पप्पू यादव ने कहा कि राज्यपाल ने उनके सामने ही आयोग के अध्यक्ष से बात की। बीपीएससी अध्यक्ष और राज्यपाल की प्वाइंट टू प्वाइंट बातचीत हुई है। लंबी बात हुई दोनों में।
देखिए आंदोलनरत छात्रों को नया-नया नेता बने
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) December 30, 2024
फर्जी रणनीतिकार कैसे गुंडों की भाषा में
धमका रहा है
यह खुद नशे में चूर हैं, यह छात्रों का नशा
उतारने का दावा कर रहे हैं! इन छात्रों को
मोदी नीतीश जैसा हवा-हवाई न समझो,जो कुछ भी हुल दोगे चुप हो जाएंगे! ये फूंक देंगे हवा में उड़ जाओगे pic.twitter.com/UeL2PoVhr6
प्रशांत जी ख़ुद नया नेता बने हैं, और छात्रों को धमका रहे हैं, अपनी औक़ात का धौंस दिखा रहे हैं!
आज जब धेले भर की चुनावी औक़ात नहीं है तो अहंकार टपक रहा है,छात्रों के सामने बड़ी बड़ी सरकार उड़ गई,आप क्या चीज़ हैं?
छात्र पुलिस से पिट रहे थे आप पीठ दिखा भाग गये, सवाल पूछने पर गाली? pic.twitter.com/OFM7w5oxxc— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) December 30, 2024
महामहिम राज्यपाल से मिलकर
छात्र हित में ज्ञापन सौंपा
बीपीएससी की 70वीं परीक्षा में व्याप्त
अनियमितताओं के मद्देनज़र पूरी तरह रद्द कर
सभी छात्रों के लिए पुनः परीक्षा आयोजित हो
आंदोलनरत छात्रों पर लाठीचार्ज के दोषियों पर कठोर कारवाई हो,परीक्षा में धांधली की उच्चस्तरीय जांच हो! pic.twitter.com/vCuWXLfmT5— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) December 30, 2024
राज्यपाल ने कहा कि वो डीएम एसपी को बुला रहे हैं। बच्चों पर केस कैसे हुआ? लाठीचार्ज कैसे हुआ? बच्चों पर लाठी क्यों चली? पूरे मुद्दे पर उन्होंने डिटेल बातचीत की। पप्पू यादव ने कहा कि राज्यपाल ने कहा है कि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर बात करेंगे। हर कीमत पर बच्चों के साथ जो ज्यादती हुई है उस मामले में जांच के लिए राज्यपाल ने कह दिया है।
राज्यपाल ने बीपीएससी अध्यक्ष को भी बुलाया है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी अध्यक्ष का कहना है कि कोई डेलीगेट उनसे मिलने आ रहा है। बीपीएससी के मामले पर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि वो राज्यपाल से दो बड़े मुद्दे पर मिले हैं। उन्होंने कहा कि पूर्णिया हाई कोर्ट बेंच के बारे में राज्यपाल साहब ने स्वीकृति दी है और हाई कोर्ट बेंच को लिखा है कि बिहार में एक और हाई कोर्ट बेंच स्थापित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ये दो बड़े मुद्दे बीपीएससी और पूर्णिया हाई कोर्ट के मुद्दे थे जिसके लिए मैंने राज्यपाल से मुलाकात किया। वहीं पप्पू यादव ने प्रशांत किशोर पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इस आंदोलन को एक फ्रॉड किशोर ने बेच दिया। पदाधिकारी के साथ पैसे का सांठगांठ किया और सरकार के साथ मिलकर इस आंदोलन को बेच दिया।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बीपीएससी पीटी रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को प्रशांत किशोर गांधी मैदान में छात्रों के साथ जुटे और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकल गए। पुलिस ने छात्रों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन से पानी की बौछार भी के। इसमें कई छात्र जख्मी हुए हैं।
बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों के समर्थन में वामदलों ने कराया बिहार बंद, दिखा मिलाजुला असर
बीपीएससी अभ्यर्थियों के द्वारा पीटी पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किए जाने को लेकर बिहार का सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। छात्रों के समर्थन में आइसा ने सोमवार को बिहार बंद बुलाया था। वामदलों ने भी इसका समर्थन किया था। बिहार बंद का मिलाजुला असर देखा गया। आरा, दरभंगा, सीवान, अरवल सहित विभिन्न जिलों में आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। इधर, पटना में जीपीओ गोलंबर से छात्रों- युवाओं ने मार्च निकला, जो डाक बंगला चौराहा तक पहुंचा और फिर चौराहे पर सड़क जाम किया गया।
पटना के डाकबंगला चौराहे पर आइसा के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर बैठकर छात्रों पर लाठीचार्ज का विरोध किया। आइसा की राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी ने कहा कि पूरे बिहार में चक्का जाम है। उन्होंने कहा कि गर्दनीबाग में 12 दिनों से न्याय पसंद अभ्यर्थी अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांग सुनने के लिए तैयार नहीं है।
जबकि भाकपा-माले ने कहा कि इस बहरी और अड़ियल सरकार के कानों में आवाज गूंजने के लिए यह चक्का जाम जरूरी है। बिहार बंद और चक्का जाम का असर आज सुबह से ही असर दिख रहा है। कई जगहों पर रेल रोकी जा रही है। इसी कड़ी में दरभंगा में बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस को रोका गया है। रेलवे ट्रैक पर उतरकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और पीटी परीक्षा फिर से आयोजित करने की मांग की। वहीं, आरा में अगिआंव विधायक शिव प्रकाश रंजन के नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं ने पटना–बक्सर पैसेंजर को रोक दिया।
इसके कारण पटना-आरा रेलखंड पर ट्रेन परिचालन कुछ समय के लिए बाधित रहा। बाद में शहर में मार्च करते हुए प्राइवेट बस अड्डा को भी जाम किया गया। जबकि अरवल में प्रदर्शनकारियों ने पटना-औरंगाबाद रोड को भगत सिंह चौक पर जाम किया, इससे बड़े वाहनों का परिचालन रुक गया।
समस्तीपुर में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के खिलाफ आइसा-आरवाईए सहित कई संगठनों से जुड़े छात्र-युवाओं ने समस्तीपुर ओवरब्रिज चौराहा जाम किया। सीवान शहर में भी कई जगह कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। आईसा कार्यकर्ताओं ने बेगूसराय सदर अनुमंडल के ट्रैफिक चौक के पास एनएच-31 को जाम करके अपना विरोध जताया।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि नीतीश कुमार स्वयं छात्र नेता रह चुके हैं और छात्र आंदोलन से उनका पुराना जुड़ाव भी रहा है। इसके बावजूद आज उन्हीं के शासनकाल में छात्रों पर अत्याचार किए जा रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार की आंखें नहीं खुल रही। बता दें कि 13 दिनों से पटना के गर्दनीबाग में धरना पर बैठे छात्र कल हुए लाठीचार्ज के बाद भी डटे हुए हैं।
लाठीचार्ज को लेकर भावुक हुए छात्र ने कहा कि 13 दिन से भूखे बैठे हैं. कोई पूछने वाला नहीं है। लड़कियां आंदोलन में यहां बैठी हैं। रात में उनकी सुरक्षा का भी डर बना रहता है। उन्होंने कहा कि पुरुष सिपाहियों ने लड़कियों को मारा, गाली दी, उनके कपड़े फाड़ दिए। ये कहां का न्याय है?
सरकार हमारी बात क्यों नहीं सुनती? प्रशासन ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर सहित 21 को नामजद और 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन सभी पर अनधिकृत रूप से भीड़ को इकट्ठा करने, लोगों को उकसाने तथा विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने के आरोप है।
