Electoral Bonds Data: सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुनवाई हुई। भारत के चुनाव आयोग द्वारा दायर एक आवेदन पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की बेंच ने सुनवाई हुई। इस दौरान एसबीआई पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल कि हमारे आदेशों के तहत चुनावी बांड के यूनिक बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया गया। कोर्ट के द्वारा एसबीआई को नोटिस दिया गया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि एसबीआई को सभी जानकारी ईसीआई के साथ साझा करनी चाहिए थी। जैसे खरीदने की तारीख, उसे भुनाने की तारीख। बताते चले कि यूनिक बॉंड नंबर सामने आने के बाद पता चल पायेगा कि किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना चुनावी चंदा दिया।
अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश देते हुए कहा है कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दें। इसे अपलोड करना है। कोर्ट ने कहा कि ईसी में अपलोड करने के लिए डेटा जरूरी है। अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार को यानी 18 मार्च को होगी।
गौर करने वाली बात यह है कि चुनाव आयोग और एसबीआई ने अदालत में सभी दस्तावेज पेश कर दिए थे। इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में बीते दिनों पहले ही गुरुवार को चुनाव आयोग की वेबसाइट में 763 पेजों की दो लिस्ट डाली गई। पहली लिस्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों की डिटेल और दूसरी लिस्ट में राजनीतिक पार्टियों को मिले बॉन्ड का ब्यौरा है।
वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि अदालत ने बांड के विवरण के बारे में एसबीआई द्वारा ईसीआई को सौंपी गई जानकारी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस जानकारी में बांड की अल्फ़ान्यूमेरिक संख्या शामिल नहीं है, इसलिए उन्होंने पूरी जानकारी नहीं दी है। बांड खरीदने वाले लोगों के साथ-साथ बांड भुनाने वाले पक्षों के बारे में अदालत ने एसबीआई को नोटिस जारी किया है और इस मामले को सोमवार को सूचीबद्ध किया है।