बॉम्बे हाईकोर्ट ने मछुआरों को 10 करोड़ रुपये अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया, जानिए क्यों

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 23, 2022 06:42 PM2022-03-23T18:42:37+5:302022-03-23T18:51:30+5:30

मुंबई में सायन-पनवेल राजमार्ग पर बन रहे छह लेन वाले ठाणे क्रीक ब्रिज (टीसीबी) - तीन के बनने के कारण हजारों मछुआरे परिवारों को विस्थापित होना पड़ा रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम को आदेश दिया है कि वो 10 करोड़ रुपये की अंतरिम मुआवजा राशि पीड़ित परिवारों को दे।

Bombay High Court orders interim compensation of Rs 10 crore to the families of fishermen, know why | बॉम्बे हाईकोर्ट ने मछुआरों को 10 करोड़ रुपये अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया, जानिए क्यों

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मछुआरों को 10 करोड़ रुपये अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया, जानिए क्यों

Highlightsहाईकोर्ट ने एमएसआरडीसी से कहा कि वो मछुआरों को 10 करोड़ रुपये का अंतरिम मुआवजा दें प्रभावित प्रति परिवार के बीच यह धनराशि एक-एक लाख रुपये बांटी जाएगीहाईकोर्ट ने कहा कि यह केवल अंतरिम मुआवजे की धनराशि है, पूरा पैसा तीन महीनों में दें

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को वाशी के पास तीसरे ठाणे क्रीक ब्रिज के निर्माण से प्रभावित हो रहे मछुआरों के परिवारों को 10 करोड़ रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दिया है।

मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस एसजे कथावाला और जस्टिस मिलिंद जाधव की बेंच ने महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी ) को अदालत में 10 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया है क्योंकि अगस्त 2021 में गठित एक समिति के द्वारा प्रभावित मछुआरे परिवार के लोगों को मुआवजा देने का आदेश दिया था लेकिन एमएसआरडीसी की ओर से उस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई।

दोनों जजों की बेंच ने बुधवार को एमएसआरडीसी को आदेश दिया कि वो दो हफ्ते के भीतर 10 करोड़ रुपये हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के पास जमा करा दें। मुआवजे में मिले इन रुपयों को मछुआरों की सहकारी संस्था परियोजना से प्रभावित प्रति परिवार को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देगी। 

हाईकोर्ट ने कहा कि यह केवल अंतरिम मुआवजे की धनराशि है और एमएसआरडीसी तीन महीने के भीतर प्रभावित परिवारों को देने वाले अंतिम मुआवजे का निर्धारण करे।

अगस्त 2021 में इसी बेंच ने मछुआरों की सहकारी समिति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया था, जिसमें ठाणे क्रीक में और उसके आसपास रहने वाले मछुआरे समुदाय के प्रभावित परिवारों का मुद्दा उठाया गया था। 

तब हाईकोर्ट ने सायन-पनवेल राजमार्ग पर बन रहे छह लेन वाले ठाणे क्रीक ब्रिज (टीसीबी) - तीन के निर्माण का रास्ता साफ करते हुए कहा था कि यह परियोजना खाड़ी के आसपास रहने वाले मछुआरों के अधिकार को प्रभावित करेगी।

उस समय हाईकोर्ट की बेंच ने परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों को दी जाने वाली मुआवजे की राशि निर्धारित करने के लिए एक 'टीसीबी मुआवजा समिति' गठित करने का निर्देश दिया था। इस साल फरवरी में मुआवजे को लेकर केस दायर करने वाले याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील जमान अली ने हाईकोर्ट को बताया कि पीड़ित मछुआरों को अभी भी कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।

जिसके बाद हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता शरण जगतियानी को एमिकस क्यूरी (अदालत की सहायता के लिए) नियुक्त किया। जगतियानी ने अदालत को बताया था कि इस परियोजना से आसपास रहने वाले मछुआरों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए इन्हें जल्द से जल्द मुआवजा मिलना चाहिए। 

Web Title: Bombay High Court orders interim compensation of Rs 10 crore to the families of fishermen, know why

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