बंबई उच्च न्यायालय ने राणा कपूर की पत्नी और बेटियों की जमानत नहीं दी

By भाषा | Published: September 28, 2021 06:02 PM2021-09-28T18:02:28+5:302021-09-28T18:02:28+5:30

Bombay High Court did not grant bail to Rana Kapoor's wife and daughters | बंबई उच्च न्यायालय ने राणा कपूर की पत्नी और बेटियों की जमानत नहीं दी

बंबई उच्च न्यायालय ने राणा कपूर की पत्नी और बेटियों की जमानत नहीं दी

मुंबई, 28 सितंबर बंबई उच्च न्यायालय ने निजी क्षेत्र की आवास वित्त कंपनी डीएचएफएल से जुड़े कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के एक मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी बिंदु और उनकी दो बेटियों राधा तथा रौशनी को जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया और कहा कि उन पर जिन अपराधों का आरोप लगा है उनसे देश के ‘वित्तीय स्वास्थ्य’ को ‘गंभीर धक्का’ हुआ है ।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने इस मामले में सह आरोपी यस बैंक के ग्रुप अध्यक्ष एवं काराबारी प्रमुख राजीव आनंद की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी।

अदालत ने कहा, ‘‘ .....यह स्पष्ट है कि सभी आरोपियों पर ऐसा अपराध करने का आरोप है जिनसे राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य पर गंभीर धक्का लगा है तथा मोटे तौरपर लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है। ’’

अदालत ने कहा, ‘‘ ऐसे अपराध बड़े पैमाने पर हो रहे हैं जिसके फलस्वरूप राष्ट्र की सर्वांगीण वृद्धि कुंद हुई एवं देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ । ये अपराध जघन प्रकृति के हैं क्योंकि वे राज्य के आर्थिक तानेबाने एवं वित्तीय महल को नष्ट कर देते हैं।’’

अदालत ने कहा कि ऐसे अपराधों से कानून व्यवस्था पर जनविश्वास क्षरित होता है क्योंकि यह उसकी आर्थिक एवं वित्तीय दशा पर गंभीर प्रहार की तरह है।

विशेष सीबीआई अदालत ने 18 सितंबर को उन्हें जमानत देने से मना कर दिया था। उसने कहा था कि पहली नजर में अवैध गतिविधियों से बैंक को 4,000 करोड़ रुपये के नुकसान की बात सामने आ रही है। इसी आदेश को तीनों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

निचली अदालत ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा था कि वे महिला होने के नाते सहानुभूति की हकदार नहीं हैं। तीनों आरोपी मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद हैं।

निचली अदालत ने आनंन की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

न्यायमूर्ति डांगरे ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा कि ऐसे मामलों में, जहां अपराध गंभीर, घृणतम, बर्बरतापूर्ण, राजद्रोह या देश के वित्तीय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने की मंशा वाले हैं , में अदालत से जमानत आवेदनों पर गौर करने समय इन परिस्थितियों को ध्यान में रखने की आशा की जाती है।

तीनों आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अपनी जमानत याचिका में कहा था कि विशेष सीबीआई अदालत से मामले में गंभीर चूक हुई है। तीनों ने सीबीआई अदालत की इस टिप्पणी पर ऐतराज किया कि आरोपों से प्रथम दृष्टया डीएचएफएल के प्रति यसबैंक द्वारा पक्षधरता दिखाने के एवज में फायदा पहुंचाने के तौर पर ऋण लेने में उनकी संलिप्तता नजर आती है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनकी याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि विशेष अदालत के आदेश में कुछ गलत नहीं है।

सीबीआई के अनुसार राणा कपूर ने डीएचएफएल के कपिल वधावन के साथ एक आपराधिक साजिश रची। राणा कपूर अभी जेल में हैं।

ब्यूरो ने कहा कि यस बैंक ने अप्रैल से जून 2018 के बीच डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। केंद्रीय एजेंसी का आरोप है कि डीएचएफएल ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स नामक एक कंपनी को ऋण के रूप में कपूर को 900 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। इस कंपनी पर कपूर की पत्नी और बेटियों का नियंत्रण है।

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