भीड़ वाली मुंबई लोकल में चढ़ना अनुमानित जोखिम है, आपराधिक कृत्य नहीं, हाईकोर्ट का घायल यात्री को मुआवजे देने का आदेश

By विशाल कुमार | Published: April 27, 2022 01:51 PM2022-04-27T13:51:21+5:302022-04-27T13:59:36+5:30

बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया कि वह 2011 में एक भीड़-भाड़ वाली ट्रेन में चढ़ने के बाद फिसल कर गिर जाने वाले एक बुजुर्ग को 3 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा दे।

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भीड़ वाली मुंबई लोकल में चढ़ना अनुमानित जोखिम है, आपराधिक कृत्य नहीं, हाईकोर्ट का घायल यात्री को मुआवजे देने का आदेश

Highlightsयात्री 2011 में एक भीड़-भाड़ वाली ट्रेन में चढ़ने के बाद फिसल कर गिर गया था।हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक के दावे को खारिज करने वाले रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द कर दिया।रेलवे को बुजुर्ग को 3 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश।

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि किसी मुंबईवासी के लिए किसी खचाखच भरी भीड़ वाली ट्रेन में चढ़ना कोई 'आपराधिक कृत्य' नहीं है बल्कि यह केवल एक 'अनुमानित खतरा' है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया कि वह 2011 में एक भीड़-भाड़ वाली ट्रेन में चढ़ने के बाद फिसल कर गिर जाने वाले एक बुजुर्ग को 3 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा दे।

इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक के दावे को खारिज करने वाले रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द कर दिया। बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि यह घटना रेलवे अधिनियम की धारा 123 (सी) (2) के तहत अप्रिय घटना के अर्थ के अंतर्गत आएगी।

हाईकोर्ट ने कहा कि यदि दैनिक जीवन में एक यात्री एक भीड़भाड़ वाली ट्रेन में प्रवेश करने का प्रयास करता है और अन्य यात्रियों द्वारा धक्का दिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप वह गिर जाता है, तो कोई कारण नहीं है कि ऐसी घटना अप्रिय घटना के दायरे में नहीं आ सकती है और (यह) ऐसा कोई उदाहरण नहीं था जिसमें रेलवे को दायित्व से छूट दी गई थी।

हाईकोर्ट ने कहा कि सीमित संख्या में वाहनों के कारण समय से भीतर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मुंबई के निवासी जोखिम लेकर रेलवे से यात्रा करते हैं। सस्ते और सुविधाजनक शहर के लिए यह अनुमानित जोखिम निश्चित रूप से 'आपराधिक कृत्य' के बराबर नहीं है। कोर्ट ने रेलवे के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि वह वैध यात्री नहीं था क्योंकि उसके पास कोई टिकट नहीं था।

Web Title: bombay-high-court-compensation-senior-citizen-railways-act

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