नोटों, सिक्कों के आकार में बार-बार बदलाव की क्या है मजबूरी, अदालत ने मांगा RBI से जवाब
By भाषा | Updated: August 2, 2019 08:57 IST2019-08-02T08:57:35+5:302019-08-02T08:57:35+5:30
अदालत ने कहा कि दुनिया में कोई अन्य देश अपने नोटों के आकार और विशिष्टताओं में इतनी जल्दी-जल्दी बदलाव नहीं करता।

प्रतीकात्मक फोटो
बंबई हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से नोटों और सिक्कों के आकार तथा अन्य विशिष्टताओं में समय-समय पर बदलाव के पीछे की वजह पूछी। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की खंडपीठ ने नेशनल एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड (एनएबी) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह सवाल किया।
एनएबी की याचिका में दावा किया गया है कि दृष्टिहीनों को आरबीआई द्वारा जारी किए गए नये नोटों और सिक्कों को पहचानने तथा उनमें फर्क करने में दिक्कत हो रही है। मुख्य न्यायाधीश नंदराजोग ने कहा, ‘‘हम आरबीआई से जानना चाहते हैं कि नोटों में आकार जैसी विशिष्टताओं में लगातार बदलाव करने के पीछे क्या विवशता है।’’
अदालत ने कहा कि दुनिया में कोई अन्य देश अपने नोटों के आकार और विशिष्टताओं में इतनी जल्दी-जल्दी बदलाव नहीं करता। अदालत ने आरबीआई से इस मुद्दे पर छह सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं।