ब्लैक फंगस संक्रमणः इंदौर में हड़कंप, 20 दिन में 32 मरीजों की गई जान, कई अस्पताल में भर्ती
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 2, 2021 01:53 PM2021-06-02T13:53:49+5:302021-06-02T13:55:12+5:30
इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में ब्लैक फंगस के मरीजों की वर्तमान मृत्यु दर 7.29 प्रतिशत है और उनकी मानें तो यह दर राज्य के अन्य अस्पतालों के मुकाबले कम है।
इंदौरः ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकर माइकोसिस) के बढ़ते मामलों के बीच यहां के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में पिछले 20 दिनों के भीतर इस बीमारी के 32 मरीजों की मौत हो गई है।
एमवायएच के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। एमवायएच, राज्य में ब्लैक फंगस का इलाज करने वाला सबसे व्यस्त अस्पताल है जहां इंदौर के अलावा अन्य जिलों के मरीज भी भर्ती हैं। एमवायएच के अधीक्षक प्रमेंद्र ठाकुर ने बताया, "हमारे अस्पताल में ब्लैक फंगस का पहला मरीज 13 मई को भर्ती हुआ था और अब तक इसके कुल 439 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें से 84 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 32 मरीजों की मौत हो चुकी है।"
ठाकुर ने बताया कि एमवायएच में ब्लैक फंगस के मरीजों की वर्तमान मृत्यु दर 7.29 प्रतिशत है और उनकी मानें तो यह दर राज्य के अन्य अस्पतालों के मुकाबले कम है। एमवायएच अधीक्षक ने बताया, "हम ब्लैक फंगस के मरीजों की जान बचाने के लिए पिछले 20 दिनों में 200 से ज्यादा लोगों की सर्जरी कर चुके हैं।"
ठाकुर ने बताया कि एमवायएच में फिलहाल ब्लैक फंगस के 323 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 14 लोग कोविड-19 से संक्रमित हैं, जबकि 301 व्यक्तियों में इस महामारी से उबरने के बाद ब्लैक फंगस की समस्या उत्पन्न हुई है। ब्लैक फंगस के आठ अन्य मरीजों को कोविड-19 होने का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
बहरहाल, ये आंकड़े बताते हैं कि 93 प्रतिशत मरीज कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त होने के बाद ब्लैक फंगस की जकड़ में आ गए। गौरतलब है कि इंदौर, मध्य प्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,50,516 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,347 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।