ब्लैक फंगस: मप्र के दमोह, बालाघाट में चार लोगों की मौत, इंजेक्शन की कमी
By भाषा | Updated: May 21, 2021 18:51 IST2021-05-21T18:51:21+5:302021-05-21T18:51:21+5:30

ब्लैक फंगस: मप्र के दमोह, बालाघाट में चार लोगों की मौत, इंजेक्शन की कमी
भोपाल, 21 मई मध्यप्रदेश के दमोह और बालाघाट जिले में शुक्रवार को चार लोगों की ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस से मौत हो गयी। ये सभी मरीज कोविड-19 से ठीक होने के बाद इस बीमारी के चपेट में आये थे। वहीं, इस बीमारी के इलाज में उपयोग में आने वाले इंजेक्शन की कमी प्रदेश में बनी हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि दमोह के दीपक सोनी (39) और नितिन जैन (30) दोनों की कोविड-19 से ठीक होने के बाद बृहस्पतिवार को ब्लैक फंगस संक्रमण से मौत हो गई। जबकि बालाघाट के रहने वाले शेषराम कुचलही (38) और चिनू लालवानी (42) की भी इस बीमारी से मौत हो गई।
दमोह के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ विशाल शुक्ला ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सोनी की नागपुर में जबकि जैन की दमोह के अस्पताल में मौत हुई है। ब्लैक फंगस के चार अन्य मरीजों को इलाज के लिये भोपाल भेजा गया है।
बालाघाट जिले के लांजी प्रखंड के चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रदीप गेदाम ने बताया कि बृहस्पतिवार को बालाघाट जिला अस्पताल में शेषराम की मौत हो गई।
बालाघाट के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडे ने बताया कि 10 दिन के इलाज के बाद बुधवार को नागपुर के एक अस्पताल में लालवानी की मौत हो गई।
दमोह एवं बालाघाट के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने स्वीकार किया कि उनके जिलों में ब्लैक फंगस के रोगियों के इलाज के लिये इस्तेमाल किये जाने वाले एम्फीटेरिसिन-बी इंजेक्शन नहीं थे।
इससे पहले, बृहस्पतिवार को कोविड-19 आपदा प्रबंधन समूहों से ऑनलाइन बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘‘ब्लैक फंगस का उपचार महंगा है और देश में एंटी फंगल इंजेक्शन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध नहीं है। उनका आयात किया रहा है।
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