बीजेपी ने लिया समर्थन वापस फिर भी ऐसे बच सकती है महबूबा मुफ्ती की सरकार

By रंगनाथ | Published: June 19, 2018 02:52 PM2018-06-19T14:52:40+5:302018-06-19T15:51:14+5:30

जम्मू-कश्मीर विधान सभा में कुल 89 सीटें हैं। राज्य में कुल 87 सीटों के लिए चुनाव होते हैं। दो सीटें मनोनीत सदस्यों के लिए आरक्षित है। राज्य में बहुमत के लिए कुल 45 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है।

bjp withdraw support form mehbooba mufti government but pdp can save it with congress and national conference | बीजेपी ने लिया समर्थन वापस फिर भी ऐसे बच सकती है महबूबा मुफ्ती की सरकार

BJP withdraw it's support from Jammu and Kasmir government and breaks alliance with PDP

जम्मू-कश्मीर की गठबंधन सरकार में साझीदार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मंगलवार (19 जून) जम्मू-कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से समर्थन वापस ले लिया। बीजेपी के फैसले के कुछ ही देर बाद राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एनएन वोहरा को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महबूबा मुफ्ती चार बजे अपने विधायकों के साथ बैठक करेंगी और पाँच बजे प्रेस वार्ता करेंगी। महबूबा दोबारा राज्य में सरकारब बनाने का दावा पेश करेंगी या नहीं ये तो वक्त के हाथ में है। आइए फिलहाल देखते हैं कि क्या राज्य में बीजेपी के समर्थन के बिना भी सरकार बनना संभव है। 

जम्मू-कश्मीर में कुल 89 विधान सभा सीटें हैं। राज्य में कुल 87 सीटों के लिए चुनाव होते हैं। दो सीटें मनोनीत सदस्यों के लिए आरक्षित है। अभी विधान सभा में महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के पास 28 विधायक हैं। बीजेपी के पास 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15, कांग्रेस के पास 12 और जेके पीपल्स कांफ्रेंस के पास दो, सीपीआई (एम) और जेके पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के पास एक-एक सीटें हैं। तीन सीटें निर्दलियों के पास हैं। राज्य में बहुमत के लिए कुल 45 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है।

मौजूदा समीकरण के अनुसार अगर नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पीडीपी को पीडीपी को समर्थन देते हैं तो महबूबा मुफ्ती सरकार बच जाएगी। इन तीनों दलों ने गठबंधन कर लिया तो इनके कुल विधायकों की संख्या 52 हो जाएगी और महबूबा मुफ्ती आराम से विधान सभा में अपना बहुमत साबित कर लेंगी। अगर निर्दलीय और सीपीएम, जेकेपीसी और जेकेपीडीएफ के विधायकों का भी समर्थन पीडीपी को मिल जाता है तो 59 हो जाएगी जो बहुमत से काफी अधिक होगा। कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेस के पास सरकार में शामिल हुए बिना पीडीपी सरकार को बाहर से समर्थन देने का भी विकल्प है। अभी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने घोषणा की है कि वो पीडीपी को समर्थन नहीं देगी। लेकिन राजनीतिक दल कब पटली मार ले ये कहा नहीं जा सकता। 

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साल 2014 में जम्मू-कश्मीर विधान सभा चुनाव हुए थे। चुनाव के बाद कश्मीर घाटी में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। वहीं जम्मू और लद्दाख में बीजेपी ने बाकी दलों को सूपड़ा साफ कर दिया था। चुनाव के बाद बीजेपी ने पीडीपी को समर्थन देने की घोषणा की थी। तब बीजेपी और पीडीपी दोनों ने कहा था कि वो जनमत के सम्मान के लिए गठबंधन सरकार बना रहे हैं। 

पीडीपी से समर्थन वापस लेने की बीजेपी ने बताई ये वजहें-

बीजेपी के महासचिव राम माधव ने समर्थन वापसी को घोषणा के साथ ही मीडिया को इसकी वजहें भी बतायीं। नीचे आप राम माधव द्वारा दिए गए कारण पढ़ सकते हैं 

-  कश्मीर में जो परिस्थिति है उसे ठीक करने के लिए, उसे काबू में करने के लिए राज्य में राज्यपाल का शासन लाया जाए। जम्मू और लद्दाख की जनता कई कामों में भेदभाव महसूस करती है।

- कश्मीर घाटी के हालात सुधारने में राज्य सरकार असफल रही है।  जम्मू-कश्मीर को 80 करोड़ रुपये का विकास का पैकेज दिया गया है।

- जम्मू-कश्मीर में सीजफायर लागू करना हमारी मजबूरी नहीं थी। रमजान में 1 महीने के लिए ऑपरेशन रोकने के पीछे हमारी मंशा अच्छी थी।

- पीडीपी ने विकास के कामों में अड़चन डालने का काम किया है। 

- आतंकवादियों को कम करने में हमें सफलता मिली है। लेकिन घाटी में राजनीति भी की जा रही है।

- अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू करने पर भी इस बैठक में विचार किया जा रहा है।

- साथ ही आतंकवादियों पर आक्रमक तैयारी करने की भी प्लानिंग भी की जा रही है।

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English summary :
Bharatiya Janata Party (BJP) in Jammu and Kashmir's coalition government has withdrawn support from the J&K Peoples Democratic Party (PDP) on Tuesday (June 19th). With this, the question on future of Mehbooba Mufti Government in the state has been raised. Let's see if Mehbooba Mufti will save her government.


Web Title: bjp withdraw support form mehbooba mufti government but pdp can save it with congress and national conference

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