भाजपा पर नीतीश कुमार का बड़ा आरोप, कहा- बीजेपी आरसीपी सिंह को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती थी
By रुस्तम राणा | Published: September 4, 2022 10:40 PM2022-09-04T22:40:25+5:302022-09-04T22:40:25+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आरसीपी सिंह को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती है और जेडीयू पार्टी को अलग करना चाहती है।
पटना: बिहार में भाजपा और सत्तारूढ़ दल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बीच राजनीतिक घमासान जारी है। इस बीच रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आरसीपी सिंह को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती थी और जेडीयू पार्टी को अलग करना चाहती है। मुख्यमंत्री का यह बयान रविवार को पटना में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान आया।
इससे पहले नीतीश कुमार ने कहा कि अगर विपक्षी दल एकजुट होकर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो हमें अपार सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि अगर सभी विपक्षी दल एकजुट होकर (2024 लोकसभा चुनाव) चुनाव लड़ेंगे तो हमें बड़ी सफलता मिलेगी। मैं किसी संख्या के बारे में बात नहीं कर रहा हूं।
बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने की। पार्टी पदाधिकारी ने बताया, 'राष्ट्रीय जनता दल-यूनाइटेड की बैठक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन बाबू की अध्यक्षता में बिहार राज्य जदयू कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में हुई। भाजपा ने पूर्वोत्तर में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) को बड़ा झटका दिया है क्योंकि मणिपुर के सात में से पांच विधायकों ने शुक्रवार को भाजपा के साथ हाथ मिलाया।
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मणिपुर विधानसभा के अध्यक्ष ने संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत जद (यू) के 5 विधायकों के भाजपा में विलय को स्वीकार कर लिया। इन नामों में ख. जॉयकिशन सिंह, नगुरसंगलूर सनाटे, मोहम्मद अचब उद्दीन, थंगजाम अरुणकुमार और एलएम खौटे। ताजा राजनीतिक घटनाक्रम सीएम नीतीश कुमार द्वारा भाजपा को छोड़ने और तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ हाथ मिलाकर 'महागठबंधन' बनाने और बिहार पर शासन करने के हफ्तों बाद आया।
हालांकि इससे पहले, जदयू के अधिकांश विधायक अरुणाचल प्रदेश में भाजपा में शामिल हो गए, जिससे नीतीश कुमार की पार्टी को एक बड़ा झटका मिला था। इससे पहले 25 अगस्त को, अरुणाचल प्रदेश से जदयू के एकमात्र विधायक टेची कासो भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए थे, जिसके साथ भाजपा के पास अब 60 विधानसभा सीटों (एमएलए) में से 49 हैं।