नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर तनाव बना हुआ है। विपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार रात (15 जून) पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद होने पर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निसान साध रहे हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम खुला खत लिखा है। खुला खत को ट्वीट करते हुए बीजेपी नेता विनय सहस्त्रबुद्धे ने लिखा है,''राहुल गांधी जी के नाम मेरी चिठ्ठी समझना मुश्किल है कि प्रधानमंत्री जी को उल्टा सीधा बोलकर क्या आप चीन का हौसला बढ़ाना चाहते हैं? पहले भी आपने प्रधानमंत्री और हमारे पार्टी के नेताओं को डरपोक या भागनेवाले या छिपे हुए कहा है।''
अपने एक अन्य ट्वीट में विनय सहस्त्रबुद्धे ने लिखा, ''राहुल गांधी जी को चिठ्ठी स्कूली बच्चे जैसी यह भाषा आपकी और आपके दल की गरिमा को ठेस पहुंचाती है। प्रधानमंत्री जी तो 17-18 घंटे काम करते हैं। उनकी यात्रा और उनके कार्यक्रम सभी जानते हैं। उनका जीवन खुली किताब है ,गूढ़ कथा नहीं। न उन्हें छिपने की आवश्यकता है। न कुछ छिपाने की।''
राहुल गांधी ने देश की जनता की एकजुटता को ही खतरे में डाल दिया है- बीजेपी नेता विनय सहस्त्रबुद्धे
राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए पत्र के माध्यम से विनय सहस्त्रबुद्धे ने लिखा है, एक-दो वाक्यों के वीडियो ट्वीट से अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए पीएम को ही कायर बताकर देश भावना का अपमान किया है। देश के निर्वाचित प्रधानमंत्री पर कायरता का या डरने का अत्यंत गैर जिम्मेदाराना और घिनौना आरोप लगाते हुए इस चुनौती पूर्ण समय में आपने देश की जनता की एकजुटता को ही खतरे में डाल दिया है।
आप तो चीन के राजदूत को सम्पर्क करते हुए जानकारी लेने में विश्वास करते हैं- विनय सहस्त्रबुद्धे
राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए पत्र के माध्यम से विनय सहस्त्रबुद्धे ने लिखा है, ''राहुल जी, जिम्मेदार राजनेता जानकारी लेकर और तथ्यों को समझकर निष्कर्ष निकालते हैं या आरोप लगाते है। आपने न जानकारी ली, न तथ्य समझ लिए। आप तो चीन के राजदूत को सम्पर्क करते हुए जानकारी लेने में विश्वास करते हैं और शायद वही आपको जानकारी देते भी हैं।''
पत्र के अंत में विनय सहस्त्रबुद्धे ने लिखा है, ''राहुल जी मेरी आपको मित्रवत सलाह है कि आइंदा ऐसी बयानबाजी करने से पहले अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह करेंते तो वह उचित होगा।