नई दिल्ली: भारतीयचुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 5 दिसंबर तक पांच राज्यों में अपनी प्रस्तावित "विकसित भारत संकल्प यात्रा" न निकाले। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना में नवंबर में चुनाव होमे वाले हैं। इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती के मौके पर विकसित भारत संकल्प यात्रा निकालने की तैयारी में है।
इस फैसले पर रोक लगाते हुए चुनाव आयोग ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को संबोधित एक पत्र में केंद्र से आगामी चुनाव वाले राज्यों और नागालैंड के तापी निर्वाचन क्षेत्र में "जिला रथप्रभारी" नियुक्त करने से परहेज करने को कहा, जहां उपचुनाव होना है।
विकसित भारत संकल्प यात्रा योजनाओं और पहलों पर सरकार का मेगा आउटरीच कार्यक्रम है। आयोग ने कहा कि यह आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि 20 नवंबर, 2023 से शुरू होने वाली प्रस्तावित 'विकित भारत संकल्प यात्रा' के लिए विशेष अधिकारियों के रूप में 'जिला रथ प्रहरियों' के रूप में वरिष्ठ अधिकारियों के नामांकन के लिए मंत्रालयों को एक पत्र प्रसारित किया गया है।
आयोग ने निर्देश दिया है कि उपरोक्त गतिविधियां उन निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं की जानी चाहिए जहां 5 दिसंबर, 2023 तक आदर्श आचार संहिता लागू है।
इस बीच, पहले दिन में, केंद्र की बीजेपी सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह चुनावी राज्यों में यात्रा को छोड़ देगा।
सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने पत्रकारों से बात करते हुए खुलासा किया कि 2.55 लाख ग्राम पंचायतों और लगभग 18,000 शहरी स्थानों में सरकारी पहल को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों के संदर्भ में 'रथ' शब्द को खत्म करने का विकल्प चुना गया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव वाले राज्यों में जहां आदर्श आचार संहिता लागू है, वहां 'विकित भारत संकल्प यात्रा' शुरू करने की कोई योजना नहीं है। चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता हटने पर यात्रा शुरू होगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा जयंती-जन जाति गौरव दिवस के अवसर पर सूचना, शिक्षा और संचार वैन को हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारंभ करेंगे।
प्रारंभ में, यात्रा आदिवासी जिलों के लिए झारखंड के खूंटी जिले से शुरू होने वाली थी और देश भर के शेष जिलों को 22 नवंबर से 25 जनवरी 2024 के बीच कवर करने की योजना बनाई गई थी।