नीतीश कुमार पर भाजपा ने साधा निशाना, कहा- मुख्यमंत्री बिहार सरकार के पैसे से सिर्फ घूम रहे हैं
By एस पी सिन्हा | Published: May 12, 2023 06:14 PM2023-05-12T18:14:24+5:302023-05-12T18:15:43+5:30
सम्राट चौधरी ने कहा कि यह लोग तीसरा मोर्चा बनाना चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस तो आउट हो गई, कांग्रेस पार्टी तो इसमें है ही नहीं। जैसा कि नवीन पटनायक ने कहा है कि तीसरे मोर्चे का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए नीतीश बाबू बिहार सरकार के पैसे से सिर्फ घूम रहे हैं।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी एकता के मिशन पर भाजपा हमलावर है। भाजपा का कहना है कि नीतीश कुमारबिहार सरकार के पैसे से सिर्फ घूम रहे हैं। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि इन दिनों नीतीश बाबू मजाक कर रहे हैं। नीतीश कुमार को घर में बिठाने का निर्णय जनता ले चुकी है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का लोकतंत्र में कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी गोलबंदी को लेकर नीतीश कुमार उन्हीं नेताओं के घर जा रहे हैं। जो वन मैन पार्टी है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि इसी के साथ एक और बड़े पोल का खुलासा हो गया कि यह लोग तीसरा मोर्चा बनाना चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस तो आउट हो गई, कांग्रेस पार्टी तो इसमें है ही नहीं। अब तो तीसरे मोर्चे की बात कर रहे हैं। जैसा कि नवीन पटनायक ने कहा है कि तीसरे मोर्चे का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए नीतीश बाबू बिहार सरकार के पैसे से सिर्फ घूम रहे हैं।
सम्राट चौधरी से जब यह पूछा गया कि 2024 चुनाव में विपक्षी नेताओं में सबसे पहला चेहरा नीतीश कुमार का होगा? इस पर सम्राट ने कहा कि नीतीश कुमार मजाक कर रहे होंगे? इस बात पर वे क्या बोलेंगे ? नीतीश बाबू यह सब मजाक ही कर रहे हैं। नीतीश बाबू को घर में बैठना है, यह जनता तय कर बैठी है। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं। इस मिशन को कामयाब बनाने को लेकर सीएम अब तक कई राज्यों का दौरा कर चुके हैं। दिल्ली से लेकर भुवनेश्नर,कोलकाता, लखनऊ,मुंबई और रांची जाकर विपक्षी नेताओं से मिलकर एकजुटता पर चर्चा की है। हालांकि नीतीश कुमार के इस मिशन को उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने झटका दे दिया है। नवीन पटनायक ने साथ आने से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उसकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।
हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी ओर से हरसंभव प्रयास में जुटे हुए हैं। उनका मानना है कि विपक्ष देश में भाजपा का मुकाबला तभी कर सकती है, जब कांग्रेस उनके साथ रहे। यही वजह है कि उन्होंने विपक्षी एकता की मुहिम की शुरुआत दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर की। नीतीश कुमार दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिले थे और विपक्षी एकता बनाने पर सहमति ली थी। लेकिन क्षेत्रीय दलों में कौन-कौन लोग कांग्रेस के साथ आएंगे, एक अहम सवाल बना हुआ है। इसका कारण है कि क्षेत्रीय दलों को अपने-अपने राजनीति रसूख को भी बचाए रखने की चुनौती है।