भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने डार्विन के सिद्धांत पर फिर खड़ा किया सवाल, कहा- हम ऋषियों की संतानें, वानरों की नहीं
By भाषा | Published: July 20, 2019 07:11 AM2019-07-20T07:11:58+5:302019-07-20T07:11:58+5:30
सिंह के बयान के बाद चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक सांसद कनिमोई ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से मेरे पूर्वज ऋषी नहीं हैं। मेरे पूर्वज होमो सैपियंस हैं जैसा कि वैज्ञानिक कहते हैं और मेरे माता-पिता शूद्र हैं। वे किसी भगवान से भी नहीं जन्मे थे।’’
भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार को एक बार फिर ‘डार्विन के उत्पत्ति के सिद्धांत’ पर सवाल खड़ा किया और कहा कि हम ऋषियों की संतानें हैं, वानरों की नहीं। बागपत से लोकसभा सदस्य सिंह ने लोकसभा में मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि हम ऐसा मानते हैं कि हम ऋषियों की संतान हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी भारतीय संस्कृति यह मानती है कि हम ऋषियों की संतानें हैं। जो लोग यह कहते हैं कि वे बंदरों की औलाद हैं, मैं ऐसे लोगों की भावनाओं को भी ठेस नहीं पहुंचाना चाहता हूं।’’
इस पर विपक्षी सदस्यों ने विरोध दर्ज कराया। इस पर तृणमूल कांग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा को कहते सुना गया, ‘‘यह उत्पत्ति के सिद्धांत के खिलाफ है।’’ सिंह के बयान के बाद चर्चा में भाग लेते हुए द्रमुक सांसद कनिमोई ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से मेरे पूर्वज ऋषी नहीं हैं। मेरे पूर्वज होमो सैपियंस हैं जैसा कि वैज्ञानिक कहते हैं और मेरे माता-पिता शूद्र हैं। वे किसी भगवान से भी नहीं जन्मे थे।’’
पूर्व मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सिंह ने पहले भी ‘डार्विन के सिद्धांत’ को खारिज करते हुए एक बार कहा था कि यह वैज्ञानिक रूप से गलत है। उन्होंने कहा था कि वह खुद को वानर की संतान नहीं मानते।