नयी दिल्ली, 21 नवंबर भाजपा ने असम विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है और पार्टी अपने सहयोगियों के साथ संबंधों की समीक्षा कर रही है।
भाजपा की प्रदेश इकाई अपने प्रमुख गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद (एजीपी) के नियंत्रण वाली कुछ सीटों पर दावा कर सकती है, वहीं एक अन्य सहयोगी बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ उसके संबंधों में तनाव की स्थिति है।
बीपीएफ के एकमात्र राज्यसभा सदस्य भाजपा में शामिल हो सकते हैं जबकि आगामी बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) चुनावों को लेकर दोनों पार्टियों के बीच मतभेद हैं।
शुक्रवार रात को दो घंटे तक चली बैठक में असम के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा महासचिव बी एल संतोष तथा दिलीप सैकिया, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत दास, असम के मंत्री तथा नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक हिमंत बिस्व सरमा आदि शामिल हुए।
दास ने कहा कि केवल साढ़े चार महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने चुनाव के अनेक पहलुओं पर तथा सरकार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने संगठन के विषयों और गठबंधन साझेदारों एजीपी तथा बीपीएफ की क्षमताओं का भी मूल्यांकन किया।
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