गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 दिए जाने पर जयराम रमेश के बयान पर भाजपा का पलटवार, जानें क्या कहा
By मनाली रस्तोगी | Updated: June 19, 2023 13:51 IST2023-06-19T13:40:50+5:302023-06-19T13:51:17+5:30
जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में पत्रकार अक्षय मुकुल द्वारा लिखित गीता प्रेस पर 2015 की एक किताब का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया है कि प्रकाशक के महात्मा के साथ तूफानी संबंधों का पता चलता है।

गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 दिए जाने पर जयराम रमेश के बयान पर भाजपा का पलटवार, जानें क्या कहा
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से प्रकाशक गीता प्रेस को 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार देने के लिए केंद्र की आलोचना की। फैसले को उपहास बताते हुए कांग्रेस सांसद ने इसकी तुलना हिंदुत्व के विचारक वीडी सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को पुरस्कार देने से की। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रमेश के इस बयान पर पलटवार किया।
बता दें कि जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में पत्रकार अक्षय मुकुल द्वारा लिखित गीता प्रेस पर 2015 की एक किताब का भी हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया है कि प्रकाशक के महात्मा के साथ तूफानी संबंधों का पता चलता है।
जयराम रमेश ने रविवार को ट्वीट कर लिखा था, "2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की 2015 की एक बहुत ही बेहतरीन जीवनी है जिसमें वह महात्मा के साथ इसके तूफानी संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगाता है। यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।"
The Gandhi Peace Prize for 2021 has been conferred on the Gita Press at Gorakhpur which is celebrating its centenary this year. There is a very fine biography from 2015 of this organisation by Akshaya Mukul in which he unearths the stormy relations it had with the Mahatma and the… pic.twitter.com/PqoOXa90e6
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 18, 2023
गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को श्रद्धांजलि के रूप में स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। गीता प्रेस इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को हिंदुओं से नफरत करने वाली पार्टी बताते हुए रमेश पर निशाना साधा। भाजपा ने शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे को भव्य पुरानी पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए भी हमला बोला। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "कांग्रेस को किसी भी हिंदू से सख्त नफरत है।"
Congress has sheer hatred for anything Hindu
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) June 19, 2023
From Hindu terror to opposing Ram Mandir to Bhagwa terror to blaming Hindus for 26/11 & now attacking Gita Press
Congress = Hindu hating party! They wanted to ensure Ram Mandir is never built
Does Uddhav Sena agree with their… pic.twitter.com/f1CKXzSe6R
उन्होंने आगे लिखा, "हिंदू आतंक से लेकर राम मंदिर का विरोध, भगवा आतंक, 26/11 के लिए हिंदुओं को दोष देना और अब गीता प्रेस पर हमला। कांग्रेस = हिन्दू द्वेषी पार्टी! वे यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि राम मंदिर कभी न बने। क्या उद्धव सेना हिंदुओं, हिंदुत्व और यहां तक कि सावरकर पर उनके हमले से सहमत है?"
पूनावाला ने ये भी लिखा, "1923 में स्थापित गीता प्रेस दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक है, जिसने 14 भाषाओं में 41.7 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें 16.21 करोड़ श्रीमद भगवद गीता शामिल हैं। संस्था ने राजस्व सृजन के लिए कभी भी अपने प्रकाशनों में विज्ञापन पर भरोसा नहीं किया है। गीता प्रेस अपने संबद्ध संगठनों के साथ, जीवन की बेहतरी और सभी की भलाई के लिए प्रयासरत है।"