भाजपा ने प्रस्ताव पारित कर कृषि कानूनों, चीन व कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए मोदी को सराहा
By भाषा | Published: February 21, 2021 11:12 PM2021-02-21T23:12:04+5:302021-02-21T23:12:04+5:30
नयी दिल्ली, 21 फरवरी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर जारी किसानों के आंदोलन के बीच भाजपा ने रविवार को एक प्रस्ताव पारित कर इन कानूनों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की और कहा कि यह किसानों के हित में है और उन्हें उनके उत्पादों का बेहतर मूल्य मुहैया कराएगा।
यह राजनीतिक प्रस्ताव भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में पारित हुआ। कोरोना काल में यह पहली बैठक थी जिसमें पार्टी के नेताओं की प्रत्यक्ष मौजूदगी थी।
प्रस्ताव में कोविड-19 महामारी के बेहतर प्रबंधन और चीन के साथ सीमा पर लंबे समय तक चले गतिरोध को निपटाने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना की गई।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व छत्तीसगड़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया और हरियाण प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष ओ पी धनखड़ ने इसका समर्थन किया।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘किसानों का हित हो, उनकी उपज का उन्हें वाजिब मूल्य मिले, उनकी आय दोगुनी हो तथा उन्हें अपनी उपज को अपनी शर्तों पर कहीं भी बेचने की स्वतंत्रता मिले, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि कानून लाये गये।’’
कानूनों को ‘‘किसान हितैषी’’ बताते हुए इसे लाने के लिए केंद्र सरकार का अभिनंदन करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि इन्हें लेकर कांग्रेस तथा कुछ अन्य राजनीतिक दलों द्वारा किसानों को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है।
प्रस्ताव में कहा गया कि पार्टी मानती है कि देश के किसानों की खुशहाली के लिए ये कानून जरूरी थे और इसकी मांग काफी समय से की जा रही थी।
चीन के साथ सीमा पर चले गतिरोध के बारे में प्रस्ताव में कहा गया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने अपनी वैश्विक नीति में ‘‘भारत न किसी से आंख झुकाकर बात करेगा, न आंख दिखाकर बात करेगा बल्कि आंख मिलाकर बात करेगा’’ के कथन को चरितार्थ किया है।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘चीन के साथ पैदा हुई स्थिति पर भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट रहा है। भारत अपनी सीमा पर किसी की भी विस्तारवादी नीति को सफल नहीं होने दे सकता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने हर अवसर पर इसे साबित किया है।’’
कोविड-19 के प्रबंधन के बारे में प्रस्ताव में कहा गया कि ऐसी मुश्किल चुनौती के समक्ष प्रधानमंत्री के नेतृत्व तथा उनके निर्णयों पर देश ने एकजुटता तथा सामूहिकता का परिचय दिया।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘इसकी जितनी सराहना की जाए उतनी कम है।’’
भारत निर्मित कोरोना टीकों का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि आज दुनिया का सबसे बड़े टीकाकरण अभियान देश में चल रहा है।
प्रस्ताव में कहा गया कि भारत की कोविड वैक्सीन की मांग दुनिया के अनेक देशों में हो रही है और आज का भारत दुनिया में वैक्सीन निर्यातक बनकर नयी मजबूती के साथ उभरा है।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘यह आत्मनिर्भर भारत की क्षमता का परिचायक है।’’
उल्लेखनीय है कि पिछले लगभग तीन महीनों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
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