एनआरसी लिस्ट से खुश नहीं है बीजेपी, हिमंता बिस्वा सरमा बोले- अधिक लोग बाहर होने चाहिए!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 31, 2019 02:22 PM2019-08-31T14:22:11+5:302019-08-31T14:22:11+5:30

बीजेपी नेता और असम सरकार में वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि और लोगों को बाहर किया जाना चाहिए।

BJP not happy with Assam NRC list as ‘more should have been excluded’: Himanta Biswa Sarma | एनआरसी लिस्ट से खुश नहीं है बीजेपी, हिमंता बिस्वा सरमा बोले- अधिक लोग बाहर होने चाहिए!

एनआरसी लिस्ट से खुश नहीं है बीजेपी, हिमंता बिस्वा सरमा बोले- अधिक लोग बाहर होने चाहिए!

Highlightsएनआरसी में करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है।हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि और लोगों को बाहर किया जाना चाहिए।

असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई। इसमें करीब 19.07 लाख आवेदकों को बाहर रखा गया है। बीजेपी नेता और असम सरकार में वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि और लोगों को बाहर किया जाना चाहिए।

बीजेपी नेता ने कहा कि 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आए कई शरणार्थियों को एनआरसी सूची से बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा जैसा कि कई लोगों ने आरोप लगाया है, विरासत संबंधी आंकड़ों से छेड़छाड़ की गई। सुप्रीम कोर्ट को सीमावर्ती जिलों में कम से कम 20 प्रतिशत और शेष असम में 10 प्रतिशत के पुन: सत्यापन की अनुमति देनी चाहिए।

एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा कि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था। इनमे से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है। शामिल किए गए और बाहर किए गए नामों को लोग एनआरसी की वेबसाइट www.nrcassam.nic.in पर देख सकते हैं। 

बयान में कहा गया कि सुबह 10 बजे अंतिम सूची प्रकाशित की गई। शामिल किए गए लोगों की पूरक सूची एनआरसी सेवा केंद्रों (एनएसके), उपायुक्त के कार्यालयों और क्षेत्राधिकारियों के कार्यालयों में उपलब्ध है, जिसे लोग कामकाज के घंटों के दौरान देख सकते हैं। इस सूची से असंतुष्ट लोग 120 दिन के भीतर विदेशी न्यायाधिकरण का रुख कर सकते हैं। असम सरकार ने पहले कहा था जिन लोगों को एनआरसी सूची में शामिल नहीं किया गया उन्हें किसी भी स्थिति में हिरासत में नहीं लिया जाएगा, जब तक विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) उन्हें विदेशी ना घोषित कर दे।

एनआरसी मसौदे के हिस्से के तौर पर 31 दिसम्बर 2017 आधी रात को 1.9 करोड़ लोगों के नाम इसमें शामिल किए गए थे। गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में एनआरसी के अंतिम मसौदा से 3,29,91,384 करोड़ लोगों में से 40,07,707 लोगों को बाहर कर दिया गया था। इसके बाद जून में 1,02,462 लोगों को बाहर कर दिया गया था। करीब 20वीं सदी की शुरुआत से ही बांग्लादेश से अवैध घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा असम अकेला राज्य है जहां पहली बार 1951 में राष्ट्रीय नागरिक पंजी तैयार किया गया था। तब से ऐसा पहली बार है जब एनआरसी का अद्यतन किया गया है।

पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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